abhi abhi ek chaatra ko anushasan se na chalne ki vajeh se daat padi ha. anya 2 mitron ke beech vivad ko lekar samvaad kariye
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देविका : हर्षा तुमने सुना आज सपना को अनुशासन में न रहने की वजह से डाँट पड़ी है ।
हर्षा : सही तो हुआ , अगर अनुशासन में नहीं रहेगी तो यही होगा ।
देविका : बात तो तुमने ठीक ही कही है ।
हर्षा : विद्यार्थी जीवन में अनुशासन काफी जरूरी है ।
देविका : और जो इसकी पालना नहीं करेगा उसे दंड तो मिलना ही चाहिए ।
हर्षा : और हाँ तुम भी कई बार अनुशासन भंग कर देती हो आगे से ख्याल रखना ।
देविका : हाँ मैं ख्याल रखूँगी ।
हर्षा : बाय ।
देविका : बाय ।
#Be Brainly !!
हर्षा : सही तो हुआ , अगर अनुशासन में नहीं रहेगी तो यही होगा ।
देविका : बात तो तुमने ठीक ही कही है ।
हर्षा : विद्यार्थी जीवन में अनुशासन काफी जरूरी है ।
देविका : और जो इसकी पालना नहीं करेगा उसे दंड तो मिलना ही चाहिए ।
हर्षा : और हाँ तुम भी कई बार अनुशासन भंग कर देती हो आगे से ख्याल रखना ।
देविका : हाँ मैं ख्याल रखूँगी ।
हर्षा : बाय ।
देविका : बाय ।
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Devika xD
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संवाद लेखन :
अंसल : आज तो मोहन को बहुत डांट पड़ी प्रधानाचार्य से।
आकाश : उसने गलती ही ऐसी की थी, दिनभर कक्षा के बाहर घूमता रहता है।
अंसल : वह बिल्कुल भी अनुशासित नहीं है। उसका पढ़ने में में भी नहीं लगता।
आकाश : और क्या , एक दिन तो वह अध्यापक जी से बद्तमीज़ी से बात कर रहा था।
अंसल : आज तो हद ही हो गई थी। प्रधानाचार्य तो उसे विद्यालय से निकलने ही वाला थे।
आकाश : मित्र , अनुशासित रहना बहुत ज़रूरी है वरना किसी मुसीबत में पड़ सकते है।
अंसल : आज जो हुआ , मैंने सीखा कि अनुशासन नहीं तो इंसान कुछ भी गलत कर सकता है।
आकाश : एक अनुशासित व्यक्ति ही जीवन में सफ़लता प्राप्त करता है।
अंसल : सही कहा! अच्छा में चलता हूं। घर का कुछ समान लेना है।
आकाश : मैं भी जा रहा हूं , कल मिलते हैं।
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धन्यवाद !
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