Hindi, asked by 1829, 9 months ago

Abhivavako ki rok tok hi balak ko sanskari banati hai par dialogue speech.
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Answered by shishir303
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अभिभावकों की रोक-टोक ही बालकों को संस्कारी बनाती है

अभिभावकों की रोक-टोक ही बालकों को संस्कारी बनाती है क्योंकि बालक मन और बुद्धि से नासमझ होते हैं। उनकी बुद्धि इतनी विकसित नही हुई होती कि उन्हें अपने अच्छे-बुरे का ज्ञान हो। वो इस बात में अंतर नही कर पाते कि कौन सा कार्य करना उचित रहेगा और कौन सा कार्य करना उनके लिये अनुचित रहेगा। ऐसे में उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। कहीं वो अपनी राह से भटक नही जायें और गलत संगति में पड़कर गलत कार्यों को न अपना लें, गलत व्यसनों में न पड़ जायें इसकी आशंका सदैव बनी रहती है।

अभिभावक अपने बालकों पर नजर रखकर और उन्हें रोक-टोक कर उन्हें गलत मार्ग पर जाने से रोकते हैं। अभिभावकों की रोक-टोक से बालकों के मन में एक भय बना रहता है और ये भय उन्हे किसी भी गलत मार्ग पर जाने से रोकता है।

अभिभावकों अपने बालकों को अच्छे और बुरे की पहचान करना सिखाते हैं। अभिभावकों की रोक-टोक से बालकों में अनुशासन से रहने की भावना का विकास होता है। जब उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान करना आ जाता है और अनुशासन का पालन करना आ जाता है तो उनमें अच्छे संस्कारों का विकास  होता है। अतः अभिभावकों की रोक-टोक बालकों की भलाई के लिये ही होती है, इससे उनमे अच्छे संस्कार विकसित होते हैं और वो संस्कारी बनते हैं।

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