Computer Science, asked by s15337bshaik1936, 2 months ago

about coronavirus in hindi​

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Answered by pratishtha67
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प्रस्तावना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।

* कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।

कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
Answered by suhanikanungo544
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Answer:

कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारण अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।

चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा|

लातीनी भाषा में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो चन्द्रमा के चारों ओर किरण निकलती प्रतीत होती है उसको भी कोरोना कहते हैं।

सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस)

यह वायरस भी जानवरों से आया है। ज्यादातर लोग जो चीन शहर के केंद्र में स्थित हुआनन सीफ़ूड होलसेल मार्केट में खरीदारी के लिए आते हैं या फिर अक्सर काम करने वाले लोग जो जीवित या नव वध किए गए जानवरों को बेचते थे जो इस वायरस से संक्रमित थे। चूँकि यह वुहान, चीन से शुरु हुआ, इसलिये इसे वुहान कोरोनावायरस के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम सार्स-कोव २ (SARS- CoV 2) रखा है।

ये बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं। वायरस के कणों का व्यास लगभग 120 नैनोमीटर होता है। वायरल कैप्सूल में एक लिपिड बाईलेयर होती है। जहां मेम्ब्रेन(झिल्ली), आवरण, और स्पाइक संरचनात्मक प्रोटीन डले होते हैं। कोरोना वायरस का एक उपसमूह (विशेष रूप से betacoronavirus उपसमूह A के सदस्य) हेमग्लगुटिनिन एस्टरेज़ नामक एक छोटा स्पाइक जैसी सतह भी प्रोटीन है।

कैप्सूल के अंदर न्यूक्लियोकैप्सिड होते है, जो कि न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) प्रोटीन की कई प्रतियों से बनता है। ये RNA युक्त विषाणु होते हैं। जब यह होस्ट सेल के बाहर होता है तो लिपिड बाईलेयर कैप्सूल, झिल्ली प्रोटीन और न्यूक्लियोकैप्सिड वायरस की रक्षा करते हैं।

जीनोम

इस विषाणु में एकल आरएनए युक्त जीनोम पाया जाता है। कोरोनावायरस के जीनोम का आकार लगभग 27 से 34 किलोबेस तक होता है।

भारत

भारत में इसके रोकथाम के लिये सभी गैर आवश्यक कार्य रोक दिये गये हैं, और लोगों को अपने घरों में रहने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में बचाव ही इसका इलाज है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, जिसे बढ़ा कर 31 मई कर दिया गया।इसके बाद अभी भी कुछ छूट के साथ 31 जुलाई तक लॉकडाउन जारी रहेगी।[14]

टीम ११

कोरोना महामारी से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में टीम ११ का गठन किया गया है। जिसका उद्देश्य देश में फैले कोरोनावायरस से बचाव के लिए लोगों तक जरूरी सामग्री को पहुँचाना है।[15]

आवश्यक पहल

असम में स्टेडियम में आइसोलेशन सेंटर बनाने की पहल की गई।

चीन

चीन में बीमारी को रोकने के लिये हुबेई प्रांत के वुहान में ७६ दिनों की बंदी रखी गई थी।

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूनाईटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका)

कोरोना के कारण अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान का सामना करना पड़ा। अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है। अब कोरोनावायरस के कारण अमेरिका को पूरी तरह से लॉक डॉउन करना पड़ा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा की कोरोना अमेरिका पर पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से बड़ा हमला है।

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