Geography, asked by sharada37, 11 months ago

about family in hindi laungaue ​

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Answered by Himanshi0
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हमारी स्वयं अपनी स्वतंत्र पहचान होते हुए भी हम समाज के एक स्वतंत्र जीव मात्र नहीं हैं. हमारा जीवन भावनाओं, संस्कारों, परम्पराओं, जीवन मूल्यों, सहजीवन की जरूरतों के कारण अनेक बन्धनों में बंधा होता हैं.

सम्बन्ध ऐसे ही कुछ बंधन हैं जिनसे हम किसी कारण बंधे होते हैं. सम्बन्ध, जिम्मेदारी, प्रतिबद्धता व लगाव का प्रतिरूप हैं. कुछ सम्बन्ध नैसर्गिक होते हैं. तो कुछ सम्बन्ध जीवन की गति के साथ बनते जाते हैं.

सम्बन्धों में जहाँ कुछ स्थायी भाव और प्रकृति के सम्बन्ध हैं तो कुछ सम्बन्ध समय और परिस्थतियों के साथ बदलते भी रहते हैं. हमें सम्बन्धों की गहनता व गंभीरता को समझते हुए अपनी पहचान की तटस्थता रखना भी जरुरी हैं.

हम सभी जानते है कि हमारे स्वयं की पहचान आदते, स्वभाव, पसंद और रुचियाँ आदि हमारे परिवार अर्थात माता-पिता भाई बहन दादा दादी नाना नानी आदि ससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं. ये सम्बन्ध जहाँ हमें कुछ जन्मजात स्वभावगत आदते देते है तो दूसरी ओर जन्म से लेकर आज तक इन सभी रिश्तों से प्रभावित होकर कुछ न कुछ सीखते हैं.

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