About golden eagle in hindi in 100 words
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Eagle की नजर का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बाज़ को आसमान से ही पानी में तैरती हुई मछली दिखाई दे जाती है और बाज़ पानी में गोता लगाकर मछली को पकड़ सकता है.
बाज़ की चोंच एक अलग तरह से बनी होती है इनकी चोच 90 डिग्री के कोण पर मुड़ी हुई होती है चोच के दोनों तरफ एक छोटा दांत बाहर निकला हुआ होता है. यह अपने शिकार को देखते हैं लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शिकार की तरफ बढ़ते है.
और जैसे ही कोई मेंढक या चूहा पकड़ते है तो उसकी गर्दन पर ऐसी जगह पर वार करते है जिससे उसका नर्वस सिस्टम काम करना बंद कर देता है.
जिसे शिकार मुकाबला नहीं कर पाता है और मारा जाता है. बाज़ अपने से दो गुना बड़े शिकार को पकड़ सकता है, कभी-कभी यह अपने से इतने बड़े शिकार को पकड़ लेते हैं कि एक बार में उसे खा भी नहीं पाते है. Eagle शिकार करके अपने भोजन को ऊंची पहाड़ियों में बने अपने घोसलों में छोड़ देते है.
और बाद में जब इन्हें भूख लगती है तब यह उस शिकार को आ कर खा लेते है. बाज़ की आंखें अपने शिकार को बिना पलक झपकाए अधिक समय तक देख सकती हैं इसी कारण ये अपने शिकार से कम ही चुकते है.
बाज़ एक मांसाहारी पक्षी होता है इसका भोजन सांप, मछली, मेंढक, खरगोश, चूहे और छोटे पक्षी होते है. यह पक्षी लगभग पूरी दुनिया में ही पाया जाता है यह ज्यादातर ऊंची पहाड़ियों और चट्टानों पर अपना घोंसला बनाते है लेकिन ज्यादातर बाज़ पक्षी दूसरे पक्षियों के घोंसलों पर कब्ज़ा करके यह रहते है. विश्व भर में इसकी 60 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है.
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जर्मनी का राष्ट्रीय पक्षी सुनहरा बाज़ Golden Eagle
हर देश का एक झंडा होता है, एक राष्ट्रीय चिन्ह होता है, एक राष्ट्रीय गीत होता है, तथा एक राष्ट्रीय पशु और एक राशि पक्षी भी होता है, हर देश अपनी संस्कृति और शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए पशुओं और पक्षियों के प्रतीकों का उपयोग करते हैं जिस प्रकार भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है जो कि भारत की विविध संस्कृतियों का प्रतीक है उसी तरह जर्मनी का राष्ट्रीय पक्षी शानदार सुनहरा बाज़ Golden eagle है.
बाज़ पक्षी को प्राचीन काल से ही साहस शक्ति और जीत का प्रतीक माना जाता रहा है, विश्व की कई संस्कृतियों में इस प्रतिक का इस्तेमाल हुआ है, जर्मनी में बाज़ के चिन्ह का उपयोग कई राजाओं ने किया है, जर्मनी के Weimar Republic का निशान भी सुनहरा बाज़ था, इसके बाद जब नाजी जर्मनी में सत्ता में आए तो उन्होंने भी इसे अपना प्रतीक बनाए रखा, सुनहरा बाज़ करीब 800 सालों से जर्मनी का coat of arms बना हुआ है. आइये जानते हैं इस ताकतवर पक्षी के बारे में
सुनहरा बाज़ कैसा होता है हर देश का एक झंडा होता है, एक राष्ट्रीय चिन्ह होता है, एक राष्ट्रीय गीत होता है, तथा एक राष्ट्रीय पशु और एक राशि पक्षी भी होता है, हर देश अपनी संस्कृति और शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए पशुओं और पक्षियों के प्रतीकों का उपयोग करते हैं जिस प्रकार भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है जो कि भारत की विविध संस्कृतियों का प्रतीक है उसी तरह जर्मनी का राष्ट्रीय पक्षी शानदार सुनहरा बाज़ है.
सुनहरे बाज़ उत्तरी गोलार्ध में सबसे प्रमुख पसंद किया जाने वाला शिकारी पक्षी है, बाज़ की प्रजाति में यह काफी विस्तृत इलाके में पाया जाता है, सुनहरा बाज़ Accipitridae वर्ग का सदस्य है, सुनहरा बाज़ एक दक्ष शिकारी होता है यह अपनी तेज गति और मजबूत पंजो का इस्तेमाल करके कई तरह के जानवरों का शिकार करता है, इसके आक्रामक और शक्तिशाली व्यवहार की वजह से विश्व की कई संस्कृतियों में इसे सम्मान के साथ देखा जाता है.
सुनहरा बाज़ एक बड़े आकार का बाज़ होता है जिसका मुख्य रंग गहरा भूरा होता है इसके पंखों का फैलाव 5 से 7 फीट के बीच होता है, इसका वजन 3.5 किलो से लेकर 5 किलो तक हो सकता है इस शिकारी पक्षी के ढाई इंच चौड़े मजबूत पंजे होते हैं नर और मादा दोनों बाज़ पक्षी एक जैसे ही दिखाई देते हैं, इनके सर के ऊपर तथा गर्दन में सुनहरे पंख पाए जाते हैं इसीलिए इस प्रजाति का नाम सुनहरा बाज़ रखा गया है