Hindi, asked by gorraoarun, 1 year ago

about kho kho in hindi​

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Answered by RadhikaParwal
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यह एक अनूठा स्वदेशी खेल है, जो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्षशील जोश भरने वाला है। यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, कौशल, गति, ऊर्जा और प्रत्युत्पन्नमति की मांग करता है। खो-खो किसी भी तरह की सतह पर खेला जा सकता है।

खेल का मैदान

खो-खो का क्रीड़ा क्षेत्र आयताकार होता है। यह 29 X 16 मीटर होता है। मैदान के अंत में दो आयताकार होते हैं। आयताकार की भुजा 16 मीटर और दूसरी भुजा 2.75 मी. होती है। इन दोनों आयताकारों के मध्य में दो लकड़ी के स्तम्भ होते हैं। केन्द्रीय गली 23.50 मी. लम्बी और 30 सैंटीमीटर चौड़ी होती है।

खो-खो खेलते खिलाड़ी

मैच सम्बन्धी नियम

प्रत्येक टीम में खिलाड़ियों की संख्या 9 होती है और 8 खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं।

प्रत्येक पारी में नौ-नौ मिनट छूने तथा दौड़ने का काम बारी-बारी से होता है। प्रत्येक मैच में 4 पारियाँ होती है। दो पारियों छूने की और 2 पारियाँ दौड़ने की होती हैं।

रनर खेलने के क्रमानुसार स्कोर के पास अपने नाम दर्ज कराएंगे। पारी के आरम्भ में पहले तीन खिलाड़ी सीमा के अन्दर होंगे। इन तीनों के आऊट होने के पश्चात् तीन और खिलाड़ी 'खो' देने से पहले अन्दर आ जाएंगे। जो इस अवधि में प्रवेश न कर सकेंगे उन्हें आऊट घोषित किया जाएगा। अपनी बारी के बिना प्रविष्ट होने वाला खिलाड़ी भी आऊट घोषित किया जाएगा। यह प्रक्रिया पारी के अंत तक जारी रहेगी। तीसरे रनर को निकालने वाला सक्रिय धावक नए प्रविष्ट होने वाले रनर का पीछा नहीं करेगा, वह 'खो' देगा। प्रत्येक टीम खेल के मैदान के केवल एक पक्ष से ही अपने रनर प्रविष्ट करेगी।

धावक तथा प्रत्येक रनर समय से पहले भी अपनी पारी समाप्त कर सकते हैं। केवल धावक या रनर टीम के कप्तान के अनुरोध पर ही अम्पायर खेल रोक कर पारी समाप्ति की घोषणा करेगा। एक पारी के बाद 5 मिनट तथा दो पारियों के बीच 9 मिनट का ब्रेक होगा।

धावक पक्ष को प्रत्येक रनर के आऊट होने पर एक अंक मिलेगा। सभी रनरों के समय से पहले आऊट हो जाने पर उनके विरुद्ध एक 'लोना' दे दिया जाता है। इसके पश्चात् वह टीम उसी क्रम से अपने रनर भेजेगी। लोना प्राप्त करने के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं दिया जाता है। पारी का समय समाप्त होने तक इसी ढंग से खेल जारी रहेगी। पारी के दौरान रनरों के क्रम में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।

नॉक आऊट पद्धति में मैच के अंत में अधिक अक प्राप्त करने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाएगा। यदि अंक बराबर हों तो एक और पारी खेली जाएगी। यदि फिर भी अंक बराबर रहें तो टाई ब्रेकर नियम का प्रयोग किया जाएगा। इस स्थिति में यह ज़रुरी नहीं कि टीमों में वहीं खिलाड़ी हों।

लीग प्रणाली में विजेता टीम को 2 अंक प्राप्त होगें। पराजित टीम को शून्य अंक तथा बराबर रहने की दशा में प्रत्येक टीम को एक एक अंक दिया जाएगा। यदि लीग प्रणाली में लीग अंक बराबर हो तो टीम अथवा टीमें पर्चियों द्वारा पुन: मैच खेलेंगी। ऐसे मैच नॉक-आऊट प्रणाली के आधार पर खेलें जाएंगे।

यदि किसी कारणवश मैच पूरा नहीं होता है तो यह किसी अन्य समय खेला जाएगा और पिछले अंक नहीं गिने जाएंगे। मैच शुरू से ही खेला जाएगा।

यदि किसी एक टीम के अंक दूसरी टीम से 12 या उससे अधिक हो जाएं तो पहली टीम दूसरी टीम को धावक के रुप में पीछा करने को कह सकती है। यदि दूसरी टीम इस बार अधिक अंक प्राप्त कर ले तो भी उसका धावक बनने का अधिकार बना रहता है।

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