Hindi, asked by twishareddy, 1 year ago

about make in INDIA in hindi

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Answered by Lamesoul
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सितम्बर 2014 जब से योजना की शुरुवात हुई है, तब से नवम्बर 2015 तक भारत सरकार को दुनिया भर की ढेरों इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने प्रोपोसल भेजे है, जो भारत में काम शुरू करना चाहती है. आकड़ों के अनुसार 1.20 लाख करोड़ रूपए भारत सरकार को ये बाहरी कंपनियों के द्वारा मिले है. अप्रैल-जून 2015 में भारत में बनाये गए 24.8% स्मार्टफोन का निर्यात दुसरे देशों में किया गया था.

दुनिया भर में आजकल इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट की बहुत मांग है. भारत देश में टैलेंट की कमी नहीं है, यहाँ आजकल नौजवान खुद का काम शुरू कर नई नई खोज कर रहे है. प्रधानमंत्री मोदी चाहते है कि 2020 तक देश में एक चमत्कारी विकास हो जाये, जिससे 2020 तक भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का मुख्य हब बन जाये. सरकार ये पूरी कोशिश कर रही है और उन्होंने एक टारगेट रखा है कि 2020 तक भारत विदेश से जीरो इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का आयात करे. मतलब 2020 तक देश इस काबिल बन जाये कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के लिए हमें दुसरे देशों का मुहं न देखना पड़े, देश इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में खुद अपने पैरों पर खड़े हो जाये. इससे देश की अर्थव्यवस्था पर अविस्मरणीय फायदा होगा.

make in India week" घटना 13 से मुंबई में बांद्रा- कुर्ला कॉम्प्लेक्स फ़रवरी 2016 सप्ताह तक बहु -क्षेत्रीय औद्योगिक 68 देशों से 2500 अंतरराष्ट्रीय और 8000 घरेलू , विदेशी सरकार के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया पर एमएमआरडीए मैदान में आयोजित किया गया था और 72 देशों से व्यापार टीमों। 17 भारतीय राज्यों , ज्यादातर भाजपा शासित भी आयोजित Expos। घटना के पास में, डीआईपीपी सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि यह ₹ 15.2 लाख करोड़ (US $ 230 अरब ) निवेश प्रतिबद्धताओं और निवेश पूछताछ के लायक ₹ 1.5 लाख करोड़ रुपये ( 22 अरब अमेरिकी $ ) की कीमत पर प्राप्त किया था। महाराष्ट्र के अन्य सभी निवेश का ₹ 8 लाख करोड़ रुपये ( 120 अरब अमेरिकी $ ) प्राप्त राज्यों का नेतृत्व किया

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