About Panjab and Jammu Kashmir in 110 words pls and both separately and if I answer to your question pls mark me branliest
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Answer:kashmir is a very very cold place in India and in Kashmir there are many terrorist also so there are 100 and 1000 police for security of people and Punjab is a very small state
Explanation:
कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था।
कश्मीर के सभी मूल निवासी हिंदू थे। कश्मीरी पंडित कश्मीर के मूल निवासी माने जाते हैं। तुर्किस्तान से आए एक क्रूर मंगोल मुस्लिम आतंकी दुलुचा ने 60,000 लोगों की सेना के साथ कश्मीर पर आक्रमण किया और कश्मीर में धर्मांतरण करके मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की थी। दुलुचा ने नगरों और गांवों को नष्ट कर दिया और हजारों हिंदुओं का नरसंहार किया। हजारों हिंदुओं को जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया। सैकड़ों हिंदू जो इस्लाम कबूल नहीं करना चाहते थे, उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। कई वहां से जान बचाकर निकल गए थे।
अकबर के शासन में मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया।अफगान शासन के बादं यह राज्य पंजाब के सिख साम्राज्य के अधीन हो गया। वर्ष 1846 में रंजीत सिंह ने जम्मू क्षेत्र महाराजा गुलाब सिंह को सौंप दिया।
भौगोलिक स्थिति की दृष्टि से जम्मू कश्मीर में पांच समूह हैं। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है। डोगरा राजवंश के इन पांच भौगोलिक हिस्सों का एक राज्य में बने रहना एकता की पहचान थी। जबकि इन अलग-अलग पांचों हिस्सों में भाषा, संस्कृति बिलकुल अलग है।
जम्मू का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है । हाल में अखनूर से प्राप्त हड़प्पा कालीन अवशेषों तथा मौर्य, कुषाण और गुप्त काल की कलाकृतियों से जम्मू के प्राचीन स्वरूप पर नया प्रकाश पड़ा है। जम्मू 22 पहाड़ी रियासतों में बंटा हुआ था । डोगरा शासक राजा मालदेव ने कई क्षेत्रों को जीतकर अपने विशाल राज्य की स्थापना की। सन् 1733 से 1782 तक राजा रंजीत देव ने जम्मू पर शासन किया किंतु उनके उत्तराधिकारी दुर्बल थे, इसलिए महाराजा रणजीत सिंह ने जम्मू को पंजाब में मिला लिया । बाद में उन्होंने डोगरा शाही ख़ानदान के वंशज राजा गुलाब सिंह को जम्मू राज्य सौंप दिया। 1819 में यह पंजाब के सिक्ख शासन के अंतर्गत आया, डोगरा राजवंश के अधीन हो गया। गुलाब सिंह रणजीत सिंह के गवर्नरों में सबसे शक्तिशाली बन गए और लगभग समूचे जम्मू क्षेत्र को उन्होंने अपने राज्य में मिला लिया।
पंजाब
पंजाब देश का सबसे समृद्ध राज्य है। इसे सिक्ख धर्म का घर भी कहा जाता है। चंडीगढ़ शहर पंजाब की राजधानी है। कृषि ही पंजाब के लोगो का मुख्य व्यवसाय है और राज्य की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
भारतीय राज्य पंजाब का निर्माण 1947 में भारत विभाजन के समय किया गया, जिस समय पंजाब को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जा रहा था। ज्यादातर प्रांत के मुस्लिम पश्चिमी भाग को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शामिल किया गया और सिक्ख पूर्वी भाग को भारतीय पंजाब राज्य में शामिल किया गया। विभाजन के बाद बहुत से दंगे और आंदोलन हुए, क्योकि बहुत से सिक्ख और मुस्लिम लोग पश्चिम में रहते थे और बहुत से मुस्लिम लोह पूर्व में रहते थे।
1950 में दो स्वतंत्र राज्यों का निर्माण किया गया : पंजाब में भूतपूर्व राज प्रांत को शामिल किया गया, जबकि पटियाला, नाभा, कपूरथला, मलेरकोटला, जींद, फरीदकोट और कलसिया नामक प्रांतीय राज्यों को नये राज्य दी पटियाला और ईस्ट पंजाब स्टेट यूनियन (PEPSU) में शामिल किया गया। बहुत से प्रांतीय राज्य और काँगड़ा जिले को मिलाकर ही हिमाचल प्रदेश की स्थापना केंद्र शासित प्रदेश के रूप में की गयी। 1956 में PEPSU को पंजाब में शामिल कर लिया गया और हिमालय में पंजाब के बहुत से उत्तरी जिलो को हिमाचल प्रदेश में शामिल कर लिया गया।
राज्य का धर्म –
आज, पंजाब के ज्यादातर क्षेत्र में सिक्ख धर्म के लोग रहते है, जिनकी उत्पत्ति पहले सिक्ख गुरु, गुरुनानक की शिक्षा से हुई है। राज्य में ज्यादातर हिन्दू धर्म के लोग रहते है लेकिन यहाँ मुस्लिम धर्म के भी प्रयाप्त लोग रहते है। राज्य में कुछ जगहों पर क्रिस्चियन और जैन धर्म के लोग भी रहते है।
पंजाब राज्य की भाषा –
पंजाबी ही पंजाब की अधिकारिक भाषा है। हिंदी के साथ यहाँ ज्यादातर पंजाबी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है। साथ ही बहुत से लोग अंग्रेजी और उर्दू भाषा भी बोलते है।
पंजाब राज्य का नृत्य –
भांगड़ा : भांगड़ा नृत्य और संगीत का एक प्रकार है, जिसकी उत्पत्ति पंजाब क्षेत्र से ही हुई।भांगड़ा डांस की शुरुवात लोक नृत्य के रूप में होती है, जिसे पंजाबी किसान फसल के मौसम में मनाते है। इंग्लैंड, कनाडा और USA में भी पंजाबी लोगो ने इस लोक नृत्य को प्रसिद्ध बनाया है। वर्तमान में भांगड़ा नृत्य के विविध प्रकार देशभर में दिखाई देते है।पंजाब राज्य के उत्सव –
पंजाबी बहुत से महोत्सव मनाते है और बहुत से महोत्सवो को देशभर में भी मनाया जाता है। कुछ प्रसिद्ध महोत्सवो में बंदी छोर दिवस (दिवाली), लोहरी, मेला माघी, होला मोहल्ला, राख्री, वैसाखी, तीयान और बसंत। इस उत्सवो के अलावा राष्ट्रिय उत्सव भी बड़ी धूम-धाम से मनाये जाते है।