About satellites and Rocket in Hindi
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भारत ने 1975 से अब (३० अगस्त २०१३) तक ७१ कृत्रिम उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। ये उपग्रह विभिन्न प्रक्षेपण यानों द्वारा प्रक्षेपित किये गये हैं जैसे अमेरिकी, रूसी, यूरोपीय तथा स्वदेशी यान। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारतीय उपग्रहों के डिजाइन एवं निर्माण का कार्य करती है।[1]
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसरो ने बुधवार को 30 मिनट में एक रॉकेट के जरिए 7 देशों के 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च किए। अभी तक किसी भी देश ने एक साथ इतने सैटेलाइट लॉन्च नहीं किए हैं। सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड फिलहाल रूस के नाम था। उसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे। PSLV का लगातार 38th कामयाब मिशन...
- इन सैटेलाइट्स को बुधवार सुबह 9:28 बजे PSLV-C37 (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) से लॉन्च किया गया। ये पीएसएलवी का लगातार 38th कामयाब मिशन है।
- मंगलवार सुबह 5:28 बजे इसका 28 घंटे का काउंटडाउन शुरू हुआ था।
- यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के फर्स्ट लॉन्च पैड से हुई।
- मिशन में भारत के 3 और अमेरिका की प्राइवेट फर्म्स के 96 सैटेलाइट्स हैं।
- इनके अलावा, 1-1 सैटेलाइट इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और यूएई का है।
- इसरो चीफ एएस किरण कुमार ने कहा, "सभी सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है। इसके लिए पूरी टीम को बधाई।"
- नरेंद्र मोदी ने भी लॉन्चिंग की कामयाबी पर इसरो को बधाई दी है।
180 विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका इसरो
देशसैटेलाइट्सUS114कनाडा11जर्मनी10सिंगापुर8 UK6अल्जीरिया4इंडोनेशिया, जापान, स्विट्जरलैंड 3-3 (कुल 9)इजरायल, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, फ्रांस, ऑस्ट्रिया2-2 (कुल 10)SKorea, बेल्जियम, अर्जेंटीना, इटली, तुर्की, लक्जेमबर्ग, UAE, कजाकिस्तान1-1 (कुल 8)टोटल180
ISRO ने तीसरी बार भेजे एकसाथ कई सैटेलाइट्स
- सबसे पहले 714 किलो के CARTOSAT-2 सीरीज के सैटेलाइट को अर्थ ऑर्बिट में छोड़ा गया।
- इसके बाद 664 किलो वजनी बाकी 103 नैनो सैटेलाइट्स को धरती से 520 किलोमीटर दूर सन ऑर्बिट में सेट किया गया।
- सिंगल मिशन में कई सैटेलाइट्स छोड़ने का इसरो का यह तीसरा मौका है।
- इससे पहले 2008 में एक बार में 10 और जून, 2015 में 23 सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे।
कार्टोसेट-2 से क्या फायदा मिलेगा?
- इसरो ने कार्टोसेट-2 सीरीज का चौथा सैटेलाइट स्पेस में भेजा। इसके जरिए रिमोट सेंसिंग सर्विस मिलेगी।
- इसके जरिए भेजी गई तस्वीरें कोस्टल एरिया में रोड ट्रैफिक, पानी के डिस्ट्रीब्यूशन, मैप रेग्युलेशन समेत कई कामों के लिए अहम होंगी।
PSLV दुनिया का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल
- अपनी 39th उड़ान के साथ PSLV दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बन गया।
- 1993 से लेकर अब तक इसने 38 उड़ानों में कई भारतीय और 180 विदेशी सैटेलाइट्स स्पेस में पहुंचाए हैं।
- 104 सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए साइंटिस्ट्स ने PSLV के पावरफुल XL वर्जन का इस्तेमाल किया।
- 2008 में मिशन चंद्रयान और 2014 में मंगलयान भी इसी के जरिए पूरे हो सके थे।
स्पेस के मामले में दूसरे देशों से भारत कितना अलग?
- जापान, जर्मनी, इटली, चीन के बजट भारत से ज्यादा हैं। इसरो के पास 16 हजार साइंटिस्ट हैं। नासा के पास 17500 और रूस के पास 23800 हैं।
- भारत ने पहली कोशिश में ही मंगल मिशन कामयाब कर लिया था। जबकि अमेरिका 5 बार और रूस 8 बार में सफल हो पाए थे। काउंटडाउन 52 की जगह 28 घंटे का कर लिया है।
- इसरो ने 47 साल में 24 देशों के 225 सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं। जबकि अमेरिका ने 72 साल में 1369 और रूस ने 80 साल में 1492 सैटेलाइट्स। पर 10 साल में दुनिया में हुई लॉन्चिंग की 38% भारत की ओर से हुई है।
- भारत के पीएसएलवी रॉकेट की एक लॉन्चिंग करीब 100 करोड़ रु. की होती है। रूस के रॉकेट की 455 करोड़। वहीं अमेरिका, चीन व यूरोप के रॉकेट की एक उड़ान की लागत 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।
बजट: नासा का आधा इसरो ने 40 साल में खर्च किया
1. नासा, अमेरिका ने 1.29 लाख करोड़ रुपए खर्च किए।
2. रोसकॉस्मॉस, रूस ने 40521 करोड़ रुपए।
3. ईएसए, यूरोप ने 38669 करोड़ रुपए।
4. सीएनईएस, फ्रांस ने 16750 करोड़ रुपए।
9. इसरो, भारत ने 9,093 करोड़ रुपए खर्च किए।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसरो ने बुधवार को 30 मिनट में एक रॉकेट के जरिए 7 देशों के 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च किए। अभी तक किसी भी देश ने एक साथ इतने सैटेलाइट लॉन्च नहीं किए हैं। सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड फिलहाल रूस के नाम था। उसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे। PSLV का लगातार 38th कामयाब मिशन...
- इन सैटेलाइट्स को बुधवार सुबह 9:28 बजे PSLV-C37 (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) से लॉन्च किया गया। ये पीएसएलवी का लगातार 38th कामयाब मिशन है।
- मंगलवार सुबह 5:28 बजे इसका 28 घंटे का काउंटडाउन शुरू हुआ था।
- यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के फर्स्ट लॉन्च पैड से हुई।
- मिशन में भारत के 3 और अमेरिका की प्राइवेट फर्म्स के 96 सैटेलाइट्स हैं।
- इनके अलावा, 1-1 सैटेलाइट इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और यूएई का है।
- इसरो चीफ एएस किरण कुमार ने कहा, "सभी सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है। इसके लिए पूरी टीम को बधाई।"
- नरेंद्र मोदी ने भी लॉन्चिंग की कामयाबी पर इसरो को बधाई दी है।
180 विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका इसरो
देशसैटेलाइट्सUS114कनाडा11जर्मनी10सिंगापुर8 UK6अल्जीरिया4इंडोनेशिया, जापान, स्विट्जरलैंड 3-3 (कुल 9)इजरायल, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, फ्रांस, ऑस्ट्रिया2-2 (कुल 10)SKorea, बेल्जियम, अर्जेंटीना, इटली, तुर्की, लक्जेमबर्ग, UAE, कजाकिस्तान1-1 (कुल 8)टोटल180
ISRO ने तीसरी बार भेजे एकसाथ कई सैटेलाइट्स
- सबसे पहले 714 किलो के CARTOSAT-2 सीरीज के सैटेलाइट को अर्थ ऑर्बिट में छोड़ा गया।
- इसके बाद 664 किलो वजनी बाकी 103 नैनो सैटेलाइट्स को धरती से 520 किलोमीटर दूर सन ऑर्बिट में सेट किया गया।
- सिंगल मिशन में कई सैटेलाइट्स छोड़ने का इसरो का यह तीसरा मौका है।
- इससे पहले 2008 में एक बार में 10 और जून, 2015 में 23 सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे।
कार्टोसेट-2 से क्या फायदा मिलेगा?
- इसरो ने कार्टोसेट-2 सीरीज का चौथा सैटेलाइट स्पेस में भेजा। इसके जरिए रिमोट सेंसिंग सर्विस मिलेगी।
- इसके जरिए भेजी गई तस्वीरें कोस्टल एरिया में रोड ट्रैफिक, पानी के डिस्ट्रीब्यूशन, मैप रेग्युलेशन समेत कई कामों के लिए अहम होंगी।
PSLV दुनिया का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल
- अपनी 39th उड़ान के साथ PSLV दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बन गया।
- 1993 से लेकर अब तक इसने 38 उड़ानों में कई भारतीय और 180 विदेशी सैटेलाइट्स स्पेस में पहुंचाए हैं।
- 104 सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए साइंटिस्ट्स ने PSLV के पावरफुल XL वर्जन का इस्तेमाल किया।
- 2008 में मिशन चंद्रयान और 2014 में मंगलयान भी इसी के जरिए पूरे हो सके थे।
स्पेस के मामले में दूसरे देशों से भारत कितना अलग?
- जापान, जर्मनी, इटली, चीन के बजट भारत से ज्यादा हैं। इसरो के पास 16 हजार साइंटिस्ट हैं। नासा के पास 17500 और रूस के पास 23800 हैं।
- भारत ने पहली कोशिश में ही मंगल मिशन कामयाब कर लिया था। जबकि अमेरिका 5 बार और रूस 8 बार में सफल हो पाए थे। काउंटडाउन 52 की जगह 28 घंटे का कर लिया है।
- इसरो ने 47 साल में 24 देशों के 225 सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं। जबकि अमेरिका ने 72 साल में 1369 और रूस ने 80 साल में 1492 सैटेलाइट्स। पर 10 साल में दुनिया में हुई लॉन्चिंग की 38% भारत की ओर से हुई है।
- भारत के पीएसएलवी रॉकेट की एक लॉन्चिंग करीब 100 करोड़ रु. की होती है। रूस के रॉकेट की 455 करोड़। वहीं अमेरिका, चीन व यूरोप के रॉकेट की एक उड़ान की लागत 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।
बजट: नासा का आधा इसरो ने 40 साल में खर्च किया
1. नासा, अमेरिका ने 1.29 लाख करोड़ रुपए खर्च किए।
2. रोसकॉस्मॉस, रूस ने 40521 करोड़ रुपए।
3. ईएसए, यूरोप ने 38669 करोड़ रुपए।
4. सीएनईएस, फ्रांस ने 16750 करोड़ रुपए।
9. इसरो, भारत ने 9,093 करोड़ रुपए खर्च किए।
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