about shree krishna and radha. Needed long and well explaned answer. No short answer allowed. Don't be greedy for points.
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भगवान श्री कृष्ण की कहानी कौन नहीं जानता I वह इतनी मधुर बांसुरी बजाते थे क्योंकि बांसुरी की धुन सुनकर गौमाता भी आ जाती थी उनकी बांसुरी सुननेI और राधा तो प्रेम दीवानी थी राधा बासुरी सिंह के दौड़ी चली आती थी और राधा और कृष्ण दोनों एक दूसरे से अधिक प्रेम करते थेI लेकिन श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी साथ हुआ लेकिन रुक्मणी के साथ विवाह होने के बाद भी श्री कृष्ण और राधा एक दूसरे से प्रेम करते थेII
श्री कृष्ण की कितनी पत्नियां थी:
(यह एक झूठ है कि श्रीकृष्ण की 16108 पत्नियां थीं)
भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था.
यह एक झूठ है कि श्रीकृष्ण की 16108 पत्नियां थीं:
भगवान इन्द्र की पूजा
बहुत समय पहले ब्रज में कई वर्षों से वर्षा नहीं हुई थी | वहां की जनता निराश होकर वर्षा के देवता भगवान इंद्र की पूजा कर रही थी | उन्होंने भगवान इंद्र को मनाने के लिए हर प्रकार के उपाय किए परंतु इसका कोई असर नहीं हुआ | इसलिए भगवान कृष्ण ने उन्हें भगवान इंद्र की पूजा न करने को राजी कर लिया |
भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाना
भगवान इंद्र ने समवर्तक को बुलाकर पृथ्वी पर भारी बारिश करने को कहा | वह घने काले बादल थे और उन्होंने पृथ्वी पर मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी | समवर्तक की भारी बूंदों के गिरने से ब्रज डूबने लगा और नदियों और झीलों में पानी भर गया | बिजली और तूफान ने निर्बल लोगों के दिल में भय पैदा कर दिया | तेज हवाओं ने वृक्षों को जड़ से उखाड़ दिया और घरों को नष्ट कर दिया |
सभी लोग भगवान कृष्ण के पास गए | उन्होंने कहा — “हे कृष्ण ! केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हैं | यदि वर्षा इसी प्रकार जारी रही तो, हम सभी अपने मवेशियों और झुंडो के साथ मर जाएंगे |” भगवान कृष्ण जानते थे कि यह असामयिक तूफान लाकर भगवान इंद्र गलत कर रहे थे | उन्हें अपने लोगों की रक्षा करने और इंद्र के घमंड को नष्ट करने के लिए कुछ करना था |
उन्होंने अपनी सारी शक्ति अपनी छोटी उंगली पर केंद्रित कर दी और गोवर्धन पर्वत के पास गए | उन्होंने गोवर्धन पर्वत को ऊपर उठाया और अपनी छोटी उंगली पर रख दिया | हर कोई यह दृश्य देखकर हैरान था |
श्री कृष्ण और राधा आज भी राज करते हैं
धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं।
रंग काला होने के बाद भी नीले क्यों दिखाए जाते हैं कृष्ण?
अक्सर आपने ये देखा होगा कि कृष्ण को श्याम रंग या नीले रंग का दिखाया जाता है. उनकी मूर्तियों में, चित्रों में उन्हें नीला दिखाया जाता है. कृष्ण को एक बेहद आकर्षक बालक कहा जाता रहा है, द्वारिका नरेश अपने पूरे वैभव में राज करते प्रतीत होते हैं, लेकिन हर जगह उनके रंग को लेकर यही कहा जाता है कि वो नीला था.
आखिर कृष्ण ने अर्जुन से निहत्थे कर्ण को मारने को क्यों कहा?
महाभारत के युद्ध में कृष्ण की दो अहम भूमिकाएं थी. पहली ये कि उन्हें पांडवों को जीत तक पहुंचाना था और दूसरा ये कि महाभारत का युद्ध जल्दी खत्म करना था. दोनों में से कोई भी पक्ष ठीक से युद्ध नहीं कर रहा था और कहीं न कहीं नियम तोड़े जा रहे थे. इसलिए कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि वो कर्ण को मार दे. ऐसा करके कृष्ण ने अर्जुन का अहंकार भी खत्म किया. अर्जुन चाहते थे कि वो लोगों के बीच बहुत बड़े योद्धा के रूप में जाने जाएं और निहत्थे कर्ण को मारकर उनका ये सपना चूर-चूर हो गया.
Answer:
Radhika, is a Hindu goddess and a consort of the god Krishna. She is worshipped as the goddess of love, tenderness, compassion and devotion. She is described as the chief of gopis (milkmaids). During Krishna's youth, she appears as his lover and companion, though he is not married to her.[3][4][5] In contrast, some traditions accord Radha the status of the primary consort and wife of Krishna.[5][6] Radha, as a supreme goddess in these traditions, is considered as the eternal female counterpart and the internal potency (hladini shakti) of Krishna, who resides with him in their abode Goloka.Radha is venerated particularly by Gaudiya Vaishnavas in West Bengal, Bangladesh, Manipur, Uttar Pradesh and Odisha. Elsewhere, she is revered in the Nimbarka Sampradaya, Swaminarayan Sampradaya and movements linked to Chaitanya Mahaprabhu.[7][8] The Radha-vallabha (lit. "consort of Radha") sect also focusses on Radha as a central figure of reverence with Krishna.[5] Radha is sometimes considered as an avatar of goddess Lakshmi as in the Nimbarka Sampradaya[5] and by some, as the feminine form of Krishna himself. Radha's birthday is celebrated annually as Radhashtami.
Radha is considered as a metaphor for the human spirit (atma), her love and longing for Krishna is theologically viewed as symbolic of the human quest for spiritual growth and union with the divine (brahman). She has inspired numerous literary works,[7] and her Rasa lila dance with Krishna has inspired many types of performance arts.[9]