about the characters of डॉक्टर के शब्द in hindi
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डॉक्टरों को हमारे समाज में एक उच्च दर्जा दिया गया है। चिकित्सा पेशे को सबसे अच्छे व्यवसायों में से एक माना जाता है। यह एक व्यवसाय भी है जो अच्छी आय कमाने में मदद करता है।
डॉक्टर जीवन उद्धारकर्ता हैं
किसी भी समाज के लिए डॉक्टर आवश्यक हैं I उन्हें जीवन उद्धारकर्ता माना जाता है हमारे दैनिक जीवन में हम अक्सर उन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं जो हमारी समझ से बाहर हैं। हमें इन समस्याओं को समझने और इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से मदद की ज़रूरत है। मेडिकल हस्तक्षेप के बिना स्थिति खराब हो सकती है। इस प्रकार डॉक्टरों को जीवन सौहार्य माना जाता है। वे चिकित्सा विज्ञान के अध्ययन में अपने जीवन के कई साल लगाते हैं। एक बार जब वे इस क्षेत्र के बारे में सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें इस पेशे को संभालने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जाता है जो उनका लक्ष्य है।
चिकित्सा व्यवसाय सदियों से विकसित हुआ है और अभी भी विकसित हो रहा है। विभिन्न बीमारियों की दवाएं तथा उपचार जो पहले उपलब्ध नहीं थे अब विकसित हुए हैं। चिकित्सा प्रौद्योगिकी ने भी समय गुजरने के साथ प्रगति की है। अगर हमारे पास अच्छे डॉक्टर हैं और हमारे आसपास के क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं हैं तो यह राहत की भावना देता है क्योंकि हमें पता है कि हमारे पास तत्काल सहायता का साधन है।
एक योग्य डॉक्टर कैसे बने?
कई छात्र चिकित्सकीय पेशे में जाने और डॉक्टर बनने की इच्छा रखते हैं। इस दिशा में पहला कदम देश भर में सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों का चयन करने के लिए हर साल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के लिए उपस्थित होना है। यदि आप इस प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होना चाहते हैं तो अपनी 11वीं और 12वीं कक्षा के दौरान आपके पास भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान प्रमुख विषयों के रूप में होना आवश्यक है। एक न्यूनतम प्रतिशत कसौटी भी निर्धारित है। जो छात्र प्रवेश परीक्षा पास करते हैं उन्हें काउंसलिंग में भी पास होना जरुरी है ताकि उनका दाखिला पक्का माना जाए।
निष्कर्ष
जहाँ लोग अपने जीवन को लेकर डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं वहीँ अतीत में कुछ मामलों ने उनके विश्वास को हिला कर दिया है। डॉक्टरों को अपने पेशे के प्रति वफ़ादार रहना आवश्यक है।
निबंध – 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना
भारत में डॉक्टरों को ऊँचा दर्जा दिया जाता है। हालांकि भारत में स्वास्थ्य सेवा उद्योग विश्व के विकसित देशों के समान नहीं है परन्तु हमारे पास चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए अच्छी सुविधा है और इसके लिए प्रतिभाशाली डॉक्टरों का एक समूह भी है फिर भी भारत को स्वास्थ्य सेवा में लंबा रास्ता तय करना है।
भारत में डॉक्टर और हेल्थकेयर
यहां स्वास्थ्य सेवा उद्योग की स्थिति और हमारे देश के डॉक्टरों पर एक संक्षिप्त नज़र डाली गई है:
भारत में कई निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों की स्थापना की जा रही है। विडंबना यह है कि इनमें से कोई भी जनता की सेवा के उद्देश्य से स्थापित नहीं किया जा रहा है। ये सिर्फ व्यापार करने के लिए हैं।
सरकार ने कई सरकारी अस्पतालों का गठन किया है। इनमें से कई में एक अच्छा बुनियादी ढांचा है पर अधिकांश को अच्छी तरह प्रबंधित नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा उद्योग में विभिन्न स्तरों पर बहुत भ्रष्टाचार है। हर कोई पैसे कमाना चाहता है भले ही इसके लिए किसी के स्वास्थ्य की कीमत चुकानी पड़े।
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कर्मचारी भी रोगियों को ठीक से सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं। ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जहां रिपोर्ट गलत साबित हो जाती है और रोगियों को समय पर दवा नहीं मिल पाती। इसके अलावा जब अस्पताल में दवाएं और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति की बात आती है तो कुप्रबंधन देखने को मिलता है।
न केवल मरीजों, डॉक्टरों को भी इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों का कर्तव्य रोगी की जांच करना, समस्या को दूर करना, इलाज करना और रोगी की स्थिति की निगरानी करना है। हालांकि नर्सों और कर्मचारियों की कमी के कारण डॉक्टरों को भी विभिन्न कार्यों को करने के लिए मजबूर किया जाता है। डॉक्टरों को रिपोर्टों का विश्लेषण करने और रोगी की स्थिति की निगरानी करने के लिए खर्च करने का समय फालतू के कार्यों में खर्च होता है जैसे इंजेक्शन देना और मरीजों को एक वार्ड से दूसरे में लेना ले जाना। यह काम डॉक्टरों पर बोझ और उनके बीच असंतोष पैदा करता है।
क्या हम डॉक्टरों पर विश्वास कर सकते हैं?
जैसा कि ऊपर बताया गया है निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को व्यवसाय करने के उद्देश्य से स्थापित किया जा रहा है न कि जनता की सेवा के इरादे से। बार-बार धोखाधड़ी के कई मामलों के माध्यम से यह साबित हो गया है। विश्वास के पहलू के कारण भारत में लोग इन दिनों डॉक्टरों से इलाज करवाने में संकोच करते हैं। बहुत से लोग आम सर्दी, फ्लू और बुखार के लिए घर पर ही दवाओं को लेना पसंद करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि चिकित्सक इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
हालाँकि कोई व्यक्ति सामान्य सर्दी और हल्के बुखार के लिए डॉक्टर से नहीं मिले तो चलता है पर अगर स्थिति बिगड़ जाती है तो अनदेखी नहीं करनी चाहिए। डॉक्टरों को ईमानदारी से अपना कर्तव्य पूरा करते हुए विश्वास का निर्माण करना महत्वपूर्ण है।