Social Sciences, asked by BibinBaby5290, 1 year ago

About true friendship in hindi

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Answered by jay141
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मित्र के बिना जीवन अधूरा होता है । मित्र जीवन के रोगों की औषधि होती है, इसलिए मित्रता का बहुत महत्व है । हर प्राणी घर से बाहर मित्र की तलाश करता है ।

मित्र जीवन का वह साथी है जो हर बुराई से हमें बचाता है । हमें भलाई की ओर बढ़ाने के लिए साधन जुटाता है । पतन से बचाकर उत्थान के पथ पर लाता है, वह मित्र है । धर्म ग्रंथों में ऐसे ही मित्रों के गुण गाये गये है, अर्जुन-कृष्ण की मित्रता, श्रीकृष्ण-सुदामा कि मित्रता । श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता एक पवन सम्बन्ध की सूचक है ।

श्रीकृष्ण ने आपत्ति में पड़े अर्जुन की हर समय सहायता की । श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता लोक प्रसिद्ध है । सुदामा गरीब ब्राह्मण था और प्रभु श्रीकृष्ण राजा थे तो भी श्रीकृष्ण जी ने मित्रता का फर्ज निभाया और सुदामा की मदद की । जीवन का सहारा, दुःख का साथी मित्र बनाते समय लोग बुद्धिमानी से काम नहीं लेते हैं ।

कई बार छली, कपटी आदमी मित्रता की आड़ में अपना मतलब निकालते हैं । ऐसे लोगों से बचना चाहिए । मित्रता के सच्चे भाव को समझना चाहिए । सच्चा मित्र हर सुख-दुःख में साथ देता है । स्वार्थी मित्र संकट के समय साथ छोड़ देते हैं । अतः मित्रता करने में सावधानी बरतनी चाहिए । तुलसीदास जी ने कहा है-
जो मित्र दुःख होई न दुखारी,
तिनहि विलोकत पातक भारी ॥
Answered by PattaSeHeadshot
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Answer:

'दोस्ती'

यदि माता-पिता और भाई-बहन के बाद कोई भी संबंध रहता है तो दोस्ती है। दोस्ती नहीं दिखाया गया है, लेकिन चित्रित किया गया है ।

एक सच्चा मित्र पत्थरों में मणि के समान होता है अर्थात उसे प्राप्त करना कठिन होता है। एक सच्चा दोस्त अपने साथी को कभी भी लाचार परिस्थितियों में नहीं छोड़ता, बल्कि उसके दर्द को हल करने की कोशिश करता है ।

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