about waterfalls in hindi
Answers
Answered by
2
♤♤hey frnds....
_______________________________________⬇️⬇️⬇️⬇️
गेरसप्पा कर्नाटक तथा महाराष्ट्र राज्यों की सीमा पर शिवमोगा जिले के प्रधान केंद्र से ९५ किमी दूर स्थित है। शिवमोगा से प्रपात तक मोटर मार्ग है, जो मनोरम जंगलों से होकर गया है। रास्ते में चार विश्रामगृह है।
यहाँ चार प्रपात हैं। ये प्रपात शिरावती नामक नदी के ऊँचाई से गिरने के कारण बनते हैं। प्रथम प्रपात मे, जिसे राजा कहते हें, जल ८२९ फुट की ऊँचाई से १३२ फुट गहरे कुंड में गिरता है। दर्शक ऊपर से इस अतल गड्ढ़े में देख सकते हैं। द्वितीय प्रपात में फेनिल जल का तीव्र प्रवाह घुमावदार मार्ग से होता हुआ एक गुहा में पहुँचता है, जहाँ से वह राजा प्रपात के कटाव में गिर जाता है। तीसरा प्रपात कुछ दक्षिण हटकर है। इसमें से जल की धारा फेन के रूप में, झटके से, निरंतर निकलती रहती है और आतिशबाजी के अग्निबाण की भाँति रंग-बिरंगे चमकीले बिंदुओं में बिखरकर नीचे गिरती है। इसके भी दक्षिण चतुर्थ प्रपात की फीते समान पानी की चादरों का क्रम है, जो शिला की ढालवाँ सतह से नीचे गिरती हैं। इस प्रपात का सबसे सुंदर दृश्य कर्नाटक की ओर से दिखाई पड़ता है। जहाँ पानी गिरता है वहाँ तक पहुँचने का मार्ग कठिन है, किंतु वहाँ तक पहुँचे बिना प्रपात की शोभा का पूरा आनंद नहीं मिल सकता।
गरमी के दिनों में इस प्रपात का जल क्षीण हो जाता है और वर्षा में जल की अधिकता के कारण गढ्ढे का समस्त क्षेत्र घने अभेद्य कुहरे से ढका रहता है। इस स्थान पर महाराष्ट्र तथा कर्नाटक दोनों राज्यों द्वारा जलशक्ति से विद्युत उत्पादन के बड़े बड़े संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
I hope its helpful!!!!!
》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》
keep smile!!!! ^_^
_______________________________________⬇️⬇️⬇️⬇️
गेरसप्पा कर्नाटक तथा महाराष्ट्र राज्यों की सीमा पर शिवमोगा जिले के प्रधान केंद्र से ९५ किमी दूर स्थित है। शिवमोगा से प्रपात तक मोटर मार्ग है, जो मनोरम जंगलों से होकर गया है। रास्ते में चार विश्रामगृह है।
यहाँ चार प्रपात हैं। ये प्रपात शिरावती नामक नदी के ऊँचाई से गिरने के कारण बनते हैं। प्रथम प्रपात मे, जिसे राजा कहते हें, जल ८२९ फुट की ऊँचाई से १३२ फुट गहरे कुंड में गिरता है। दर्शक ऊपर से इस अतल गड्ढ़े में देख सकते हैं। द्वितीय प्रपात में फेनिल जल का तीव्र प्रवाह घुमावदार मार्ग से होता हुआ एक गुहा में पहुँचता है, जहाँ से वह राजा प्रपात के कटाव में गिर जाता है। तीसरा प्रपात कुछ दक्षिण हटकर है। इसमें से जल की धारा फेन के रूप में, झटके से, निरंतर निकलती रहती है और आतिशबाजी के अग्निबाण की भाँति रंग-बिरंगे चमकीले बिंदुओं में बिखरकर नीचे गिरती है। इसके भी दक्षिण चतुर्थ प्रपात की फीते समान पानी की चादरों का क्रम है, जो शिला की ढालवाँ सतह से नीचे गिरती हैं। इस प्रपात का सबसे सुंदर दृश्य कर्नाटक की ओर से दिखाई पड़ता है। जहाँ पानी गिरता है वहाँ तक पहुँचने का मार्ग कठिन है, किंतु वहाँ तक पहुँचे बिना प्रपात की शोभा का पूरा आनंद नहीं मिल सकता।
गरमी के दिनों में इस प्रपात का जल क्षीण हो जाता है और वर्षा में जल की अधिकता के कारण गढ्ढे का समस्त क्षेत्र घने अभेद्य कुहरे से ढका रहता है। इस स्थान पर महाराष्ट्र तथा कर्नाटक दोनों राज्यों द्वारा जलशक्ति से विद्युत उत्पादन के बड़े बड़े संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
I hope its helpful!!!!!
》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》》
keep smile!!!! ^_^
Attachments:
Answered by
1
Hey friend!!!
here is ur answer....
hope it helps....
Plzz mark me as brainlist my dear....
here is ur answer....
hope it helps....
Plzz mark me as brainlist my dear....
Attachments:
Similar questions
History,
7 months ago
English,
7 months ago
Computer Science,
7 months ago
Math,
1 year ago
World Languages,
1 year ago
Math,
1 year ago