अच्छाई पर निबंध लिखिए
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Explanation:
होली का त्योहार भारत में फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह रंगों और खुशियों का त्योहार है। बच्चों में इस दिन बड़ा ही उत्साह रहता है। कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन इस दिन के अवसर के लिए घरों में बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सभी लोगों को सारे गिले-शिकवे मिटाकर दोस्ती कर एक नई शुरुआत करनी चाहिए। यही इस त्योहार का उद्देश्य भी है। अहंकार पर आस्था और विश्वास की जीत के कारण यह त्योहार मनाया जाता है।
थे। वे खुद से बढ़कर किसी को कुछ भी नहीं समझते थे। लेकिन उनका पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। प्रहलाद भगवान विष्णु में बहुत आस्था रखता था और अपने पिता के मना करने पर भी वह उनकी ही पूजा करता था। इस बात से बेहद नाराज और गुस्सा होकर हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र को मार देने के कई प्रयास किए। एक बार उन्होंने प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को भगवान शंकर से वरदान मिला हुआ था। उसे वरदान के रूप में एक ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर और प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई।
Explanation:
होली का त्योहार भारत में फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह रंगों और खुशियों का त्योहार है। बच्चों में इस दिन बड़ा ही उत्साह रहता है। कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन इस दिन के अवसर के लिए घरों में बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सभी लोगों को सारे गिले-शिकवे मिटाकर दोस्ती कर एक नई शुरुआत करनी चाहिए। यही इस त्योहार का उद्देश्य भी है। अहंकार पर आस्था और विश्वास की जीत के कारण यह त्योहार मनाया जाता है।
थे। वे खुद से बढ़कर किसी को कुछ भी नहीं समझते थे। लेकिन उनका पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। प्रहलाद भगवान विष्णु में बहुत आस्था रखता था और अपने पिता के मना करने पर भी वह उनकी ही पूजा करता था। इस बात से बेहद नाराज और गुस्सा होकर हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र को मार देने के कई प्रयास किए। एक बार उन्होंने प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को भगवान शंकर से वरदान मिला हुआ था। उसे वरदान के रूप में एक ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर और प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई।