Hindi, asked by anand248, 10 months ago

अच्छी संगति से क्या लाभ है?​

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Answered by ankitgupta1181
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Answer:

मनुष्य के अंतः करण में सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण तीनों बीज रूप में विद्यमान रहते हैं। जैसा वातावरण मिलेगा वह बीज रूप से वृक्ष बनने लगेंगे। अतः संग का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। संग सांसारिक विषयों में घिरे लोगों का होगा तो वह कुसंग में बदल कर सर्वनाश का कारण बन जाएगा।

यदि संग जीवन मुक्त, ब्रह्मनिष्ठ संतों का होगा तो वह मनुष्य के उद्धार का कारण बन जाएगा। इसीलिए नारद भक्ति सूत्र में कहा है सर्वप्रथम मनुष्य को अपनी कामनाओं को नियंत्रण में रखने के लिए अपना संग सुधारना होगा।

अपनी संगति सुधारो सब कुछ सुधर जाएगा। अपने अंतःकरण में कामना का बीज उत्पन्न होने से पूर्व ही सिद्ध संतों की चरण-शरण ले लो। जैसी संगति होगी वैसा ही चिंतन प्रारंभ हो जाएगा। दुःसंग से अपने साधन अर्थात्‌ ईश्वर भक्ति के विपरीत चिंतन होने लगता है और यही चिंतन मनुष्य के मन में सांसारिक रसों के प्रति आसक्ति प्रकट कर देता है और फिर कामना की पूर्ति न होने पर मोह उत्पन्न होने लगता है। मोह ग्रसित व्यक्ति की स्मृति भ्रष्ट हो जाती है। जिसके कारण उसकी बुद्धि कर्तव्य का विवेक न होने के कारण उसका सर्वनाश कर देती है।

' तरंगयिता अपीमे सगांत्‌ समुद्रायन्ति' - यदि किसी कारण साधक, काम-क्रोध से होता हुआ बुद्धि नाश की स्थिति तक पहुंच भी जाता है तो उसके मन में सदगुरु की कृपा एवं ईश्वर की भक्ति का भाव बना रहने पर वह सर्वनाश से बच जाता है और उसे अपनी भक्ति साधना को पुनर्जीवित करने का अवसर मिल जाता है।

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