Hindi, asked by Khankaji, 7 months ago

अच्छी सी स्व रचित कविता प्रोजेक्ट के लिए (16 लाईन ) शीर्षक कुह भी पर ढंग का​

Answers

Answered by Anonymous
8

Explanation:

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैंदिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैंदिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैंदिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैंसाथ चलता है, दुआओ का काफिला

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैंदिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैंसाथ चलता है, दुआओ का काफिलाकिस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं....

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैंकदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैंसब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैंदिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैंसाथ चलता है, दुआओ का काफिलाकिस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं....mark as brilliant

Similar questions