Psychology, asked by kingrajashish, 4 months ago

अचानक से जिंदगी इतनी तेज चलने लगी है कि जब - जब पीछे मुरकर देख रहा हूं लगता है अपनी कहानी के किसी खूबसूरत पहलू को पीछे किसी मोर पे भूल आया हूं फिर भी इंतज़ार करता हूं इस आश में कि शायद वो तेज़ चलना शुरू कर दे और फिर हम साथ हो जाए।


rs3446447: kya
rs3446447: hn

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Answered by rs3446447
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join please

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only come

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kingrajashish: kis social app pr pe
rs3446447: brainly pr
kingrajashish: ok karte hai
rs3446447: please krdena bro
kingrajashish: ok bro
rs3446447: woh mein hu isliye
rs3446447: dusre Phone mein
rs3446447: ahahahahahahahaahahaaaaaahahahahahahahahaaaaaa
kingrajashish: ooo
rs3446447: hn
Answered by Anonymous
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अचानक से जिंदगी इतनी तेज चलने लगी है कि जब - जब पीछे मुरकर देख रहा हूं लगता है अपनी कहानी के किसी खूबसूरत पहलू को पीछे किसी मोर पे भूल आया हूं फिर भी इंतज़ार करता हूं इस आश में कि शायद वो तेज़ चलना शुरू कर दे और फिर हम साथ हो जाए।

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