अचार रामचंद्र शुक्ल अथवा उषा प्रिया बाद का साहित्य परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर लिखिए पहला दो रचनाएं भाषा शैली साहित्य में स्थान
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रस मसीहा, त्रिवेणी ,हिंदी निबंध को नया आयाम देखकर उसे ठोस धरातल पर प्रतिष्ठित करने वाले शुक्ल जी हिंदी साहित्य के मुर्धन्य आलोचक, श्रेष्ठ निबंधकार निष्पक्ष इतिहासकार, महान शैली कार एवं युग साहित्यकार थे। यह हृदय से कवि मानसिक से आलोचक जीवन से अध्यापक थे। हिंदी साहित्य में इनका मूर्धन्य स्थान है।इनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण ही इनके समकालीन हिंदी कद के काल को शुक्ल युग के नाम से संबोधित किया जाता है
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