Hindi, asked by jhanakhadap, 5 months ago

According to the surdas ke padd chapter in hindi gunjan pathmala cass 7, 2nd padd, shri krishna apni parchai ko kyon pakad rahe hain?


its really urgent!!!!!!

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Answered by Anonymous
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Answer:

सूरदास जी भक्ति काल की कृष्ण भक्ति शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। उनकी अधिकतर रचनाएँ भक्ति पर आधारित हैं। इन पदों में कवि ने बाल कृष्ण की अद्भुत लीलाओं का मनोहारी चित्र प्रस्तुत किया है। यहाँ कवि ने वात्सल्य रस की सुन्दर अभिव्यक्ति की है। किस तरह माता यशोदा अपने लला का पालन-पोषण करती हैं और किस तरह से गोंपियाँ शिकायत लेकर आती हैं? सूरदास जी के इस पद में कृष्ण के बालपन और उनकी मैया के साथ उनका कैसा नाता था और गोपियों के साथ वह किस तरह से शरारतें करते थे यही सब बताया गया है। बालक श्री कृष्ण का अपनी माँ से शिकायत करना बड़े सुन्दर ढंग से बताया गया है तथा गोपियों का यशोदा से शिकायत करना कि उनका लला बहुत शैतानी करता है, बहुत शरारत करता है, फिर भी अनोखा है, सबसे अच्छा है, अदभूद है, सबको प्यारा लगता है। सूरदास ने गोपियों का कृष्ण से दूर ना जाने का भाव दर्शाया है। सूरदास ने अपने इन पदों में गोपियों से कृष्ण से बिछड़ जाना और उनका विरह में तड़पना बहुत ही सुन्दर तरीके से दर्शाया है।

सूरदास के पद – व्याख्या –

(1)

मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी?

किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।

तू जो कहति बल की बेनी ज्यौं, ह्नै है लाँबी-मोटी।

काढ़त-गुहत न्हवावत जैहै, नागिन सी भुइँ लोटी।

काचौ दूध पियावत पचि-पचि, देति न माखन-रोटी।

सूर चिरजीवौ दोउ भैया, हरि-हलधर की जोटी।

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