Hindi, asked by amar31206, 9 months ago

achcha swasthya Maha vardan speech.​

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Answered by PRIME11111
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Answer:

आज तक संसार में छोटे-बड़े जितने प्रकार के भी कार्य हुए हैं वे स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन-मस्तिष्क वाले सबल व्यक्तियों द्वारा ही किए गए हैं। कहावत प्रसिद्ध है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन-मस्तिष्क और आत्मा का निवास हुआ करता है। स्वस्थ मन वाला व्यक्ति ही उन्नति करने, ऊंचा उठने की कल्पनांए कर या विचार बना सकता है। स्वस्थ मस्तिष्क या बुद्धि वाला व्यक्ति ही उन कल्पनाओं और विचारों को पूरा करने के लिए उपाय सोचकर साधन जुटा सकता है। इसके बाद शरीर के स्वस्थ रहने पर ही साधनों और उपायों से काम लेकर वे सारे कार्य किए जा सकते हैं, जिनकी विचारपूर्वक कल्पना की होती है और जिन्हें पूरा करने के बाद आत्मा सच्चा आनंद प्राप्त करके सुखी तथा संतुष्ट हो सकती है। जब व्यक्ति स्वंय सुखी तथा संतुष्ट होता है, तभी वह अपने आस-पड़ौस, समाज, देश-जाति, राष्ट्र और फिर सारी मानवता को सुखी तथा समृद्ध बनाने की बात न केवल सोच ही सकता है बल्कि उसके लिए कार्य भी कर सकता है। इसी दृष्टि से अच्छे स्वास्थ्य को महा वरदान, मेहमत और सच्चा धन कहा या माना जा सकता हैं|

अच्छा स्वास्थ्य इसलिए जरूरी नहीं होता कि मनुष्य को पहलवान या खिलाड़ी ही बनना होता है, नहीं, जीवन-समाज में हर उचित और अच्छा कार्य करने के लिए स्वास्थ्य बहुत आवश्यक है। व्यक्तियों से समाज और समाजों से देश और राष्ट्रीयता के स्वास्थ्य की जांच व्यक्ति या व्यक्तियों के माध्यम से ही की जा सकती है। यदि व्यक्ति स्वस्थ है तो उनसे बने समाज को स्वस्थ कहा जा सकता है। यदि समाज स्वस्थ है तो देश कभी अस्वस्थ रह ही नहीं सकता। अस्वस्थ से मतलब स्वाधीनता, स्वतंत्रता, प्रगति और विकास सभी कुछ है।

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