Actually I want the answer of all these questions and please send the answer as soon as possible.
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WZ 155 ,
प्रीतम पूरा,
नई दिल्ली,
प्रिय सखी नीलम,
तुम्हे जानकर बहुत ख़ुशी होगी की मेरी बहन कविता का विवाह इसी महीने की 22 तारीख को तय हुआ है। में तुम्हे यही बताने के लिए ये पत्र लिख रही हु। मेरी बहन के विवाह समारोह के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को सौहार्दपूर्वक आमंत्रित किया जाता है। यह समारोह 22 दिसम्बर 2019 को नई दिल्ली के बुराड़ी में ट्रिवोली बैंक्वेट हॉल में आयोजित किया जाना है। कार्यक्रम 8 बजे तक शुरू हो जाएगा। तुम समय से पहुंच जाना मुझे बड़ी खुशी होगी। हम जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए आपकी सम्मानित उपस्थिति के लिए तत्पर हैं।
तुम्हारी मित्र
कनक
सेवा में,
जनरल डायरेक्टर,
दूरदर्शन केन्द्र,
दिल्ली।
विषय – दूरदर्शन कार्यक्रम के लिए सुझाव।
महोदय,
मेरा नाम सूरज चौधरी है। एवं मैं दूरदर्शन कार्यक्रमों का नियमित दर्शक हूं। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान दूरदर्शन के कार्यक्रमों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। दूरदर्शन के अधिकतर कार्यक्रम जैसे – चित्रहार, कृषि दर्शन, दिलदरिया आज भी लोगों के लिए उपयोगी तथा मनपसंद हैं। परंतु कुछ समय से देख रहा हूं कि दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों में युवा तथा बालक वर्ग से संबंधित कोई कार्यक्रम प्रसारित नहीं किए जा रहे है।
मान्यवर, युवा पीढ़ी के विकास के लिए जरूरी है कि उनसे सबंधित प्रेरणादायक, उत्साहवर्धक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सुबह के समय योग से संबधित कार्यक्रम आना शुरू होना चाहिए। बच्चों के लिए गणित तथा भाषा सिखाने वाले कार्यक्रम आने चाहिए। इस प्रकार दूरदर्शन का लाभ प्रत्येक वर्ग को मिल सकेगा।
उम्मीद करता हूं कि आप मेरे सुझाव से सहमत होंगे। व मेरी बातों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम का प्रसारण करेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय,
सूरज चौधरी।
दिल्ली।
दिनांक……
2) nibandh
1)
भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार भारत समेत अन्य विकासशील देश में तेजी से फैलता जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं। वर्तमान में कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है।
2) हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और पुरुष-प्रधान देश है। यहाँ सदियों से स्त्रियों के साथ ज्यादतियां होते आई है। जब ईश्वर होकर माता सीता इस कुप्रथा से नहीं बच पायी, फिर हम तो मामूली इंसान है, हमारी क्या औकात।
ये पुरुष-प्रधान समाज लड़कियों को जीने नहीं देना चाहता। मुझे समझ नही आता, मैं इन मर्दो की सोच पर हंसु या क्रोधित होऊं। ये जानते हुए भी कि उनका अस्तित्व भी एक महिला के कारण ही है, फिर भी ये पुरुष समाज केवल पुत्र की ही कामना करता है। और अपने इस पागल-पन में न जाने कितनी लड़कियों का जीवन नष्ट किया है।
3) 1) and2) I can't find.
Hiii