Computer Science, asked by goluyadav0777, 3 months ago

Adarsh Vidyarthi 2 minute speech​

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Answered by brundag
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Explanation:

शिक्षा का अर्थ विद्यार्थी की बहुमुखी प्रतिभा का विकास करना है। बहुत से लोग किताबी ज्ञान को ही बहुत महत्वपूर्ण मान लेते हैं। यह ठीक नहीं है। एक आदर्श विद्यार्थी वही हो सकता है जो अपने विद्यालय की सभी गतिविधियों में रुचि लेता हो। पढ़ने मे तो वह सर्वप्रथम रहता ही है, पाठ्येतर क्रियाओं में भी वह उत्कृष्ट रहता है। पाठशाला में भाषण, वादविवाद कविता पाठ, निबन्ध प्रतियोगिताएँ चलती रहती हैं। एक आदर्श विद्यार्थी सभी में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को प्रकट करता है। खेल कूद में प्रतियोगिता के समय भी वह नेता बनकर रहता है।

आदर्श विद्यार्थी ऐसा कोई काम नहीं करता जिससे उसे उसके माता, पिता या अध्यापक को बदनाम होना पड़े। देश और राष्ट्र के गौरव की रक्षा करना उसके जीवन का उद्देश्य होता है। एक आदर्श नागरिक बनने के लिए वह सदा प्रयत्नशील रहता है।आदर्श विद्यार्थी हमेशा अच्छी आदतों को सीखता और शिष्टाचार पूर्ण व्यवहार करता है। उसकी बोली शिष्ट संयत एवं नम्रता पूर्ण होती है, किसी की आवश्यकता को देखकर वह उसकी सहायता के लिए तत्पर रहता है। वह सदा सत्संगति में रहता है। उसका व्यवहार ईमानदारी का होता है। वह अधिक मित्र नहीं बनाता पर जिन्हें बनाता है वे निष्कपट और उदार होते हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी का महत्वपूर्ण गुण परिश्रमी होना है। उसका सदा यही प्रयास रहता है कि कक्षा में सबसे आगे रहे। वह अपने कार्यों और उपलब्धियों द्वारा दूसरों के लिए उदाहरण बनता है। पाठशाला में क्या अध्यापक क्या उसके सहपाठी सभी उसे आदर की दृष्टि से देखते हैं। आदर्श विद्यार्थी के कारण उसकी पाठशाला का नाम ऊँचा होता है। अनुशासन प्रियता तो उसके स्वभाव में होती है। वह गुरुजनों का सम्मान करता है और साथियों के साथ सज्जनता का व्यवहार करता है।

एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। आदर्श विद्यार्थी को इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ रखने का प्रयास करना पड़ता है। इसलिए उसे नियमित रूप से उचित मात्रा में व्यायाम करना पड़ता है। उसका जीवन नियमित होता है। सभी काम करने का उसका समय नियमित रहता है। वह यथा शक्ति अपने समय चक्र का पालन करता है। फल की चिन्ता किए बिना वह अपना कार्य निष्ठा और ईमानदारी से करता है।

आदर्श विद्यार्थी का एक आवश्यक गुण विनम्रता है। वह कभी अपनी सफलताओं पर गर्व नहीं करता। वह आत्म विश्वासी और साहसी होता है। बिना किसी भय और स्वार्थ के वह अपने विचार प्रकट करता है। वह जीवन की सभी चुनौतियों का सामना साहस पूर्वक करता है। परीक्षाओं में अनुचित उपाय प्रयोग करने के बारे में वह सोचता भी नहीं। नकल करने से उसे घृणा होती है।

आदर्श विद्यार्थी समाज और देश के हितों को सदा अपने हितों से ऊपर मानता है। वह देश पर सब कुछ न्यौछावर करने के लिए। सन्नद्ध रहता है। ज्ञान प्राप्ति की उसकी पिपासा कभी बुझती नहीं। वह कुछ नया सीखने के लिए सदा तत्पर रहता है। वह इसके लिए पुस्तकालयों का उपयोग करता है। सामान्य ज्ञान की महापुरुषों द्वारा रचित पुस्तकों का वह समयानुसार अध्ययन करता रहता है।

आत्म नियंत्रण और संयम का होना एक आदर्श विद्यार्थी का विशेष गुण होता है। वह बोलने या करने से पहले ही सोच विचार कर लेता है। अपने साथियों की सहायता करने का कोई अवसर नहीं जाने देता। उसका दृष्टिकोण वस्तुपरक और विचारशील होता है। वह पाप से घृणा करता है पापी से नहीं। वह किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखता। उसमें नैतिकता होती है जो उसे चरित्रवान बनाती है। उसे ज्ञात रहता है, कि आज का आदर्श विद्यार्थी ही कल का आदर्श नागरिक बन सकता है।

Answered by Akshat2926
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Answer:

एक आदर्श विद्यार्थी अपने स्कूल के साथ-साथ अपने माता-पिता और देश का नाम भी रोशन करता है ऐसे विद्यार्थी बचपन से ही बहुत होशियार होते हैं और इनके मुंह पर एक अलग सा ही तेज होता है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा दूसरों के प्रति सेवा भावना रखते हैं.

ऐसे विद्यार्थियों को जो भी कार्य दिया जाता है वह पूरी एकाग्रता से करता है और कार्य पूरा होने तक अपना कर्तव्य निभाता है. आदर्श विद्यार्थी कर्मठ और ईमानदार होते है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करते रहते हैं अपने समय का सदुपयोग करते है.

आदर्श विद्यार्थी हमेशा सत्य का साथ देते है इन्हें झूठ से बहुत नफरत होती है. ऐसे ही झूठ बोलने वाले लोगों को सत्य बोलने के लिए प्रेरित करते है. विद्यार्थी हमेशा सभी की सहायता के लिए तत्पर रहते है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने जीवन में कुछ ना कुछ नियम बना कर चलता है और उनका पालन करता है.

Explanation:

एक आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो विद्यालय में प्रतिदिन जाता हूं और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने पर एकाग्रता पूर्वक पढ़ता हूं.

वह बेकार की बातों में अपना समय व्यर्थ नहीं करता है. वह नियमित रूप से स्कूल से मिले हुए होमवर्क को करता है और साथ ही पढ़ाए गए पाठ को दोहराता है.

आदर्श विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह साफ सुथरे कपड़े पहनता है और उसकी आंखों में एक अलग ही तेज होता है वह निडर और साहसी होता है. स्कूल के सभी बच्चे उसकी तरह बनना चाहते हैं आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों का प्रेरणा स्रोत होता है.

वह हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करता है और सभी के साथ प्रेम भाव से रहता है.

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