Adarsh vidyarthi anuched
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Answer:एक आदर्श विद्यार्थी का लक्ष्य होता है कि वह एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करके एक सफल व्यक्ति बने. आदर्श विद्यार्थी देश की तरक्की में चार चांद लगा देता है वह हमेशा अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए ही सोचता रहता है.एक आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो विद्यालय में प्रतिदिन जाता हूं और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने पर एकाग्रता पूर्वक पढ़ता हूं.वह बेकार की बातों में अपना समय व्यर्थ नहीं करता है. वह नियमित रूप से स्कूल से मिले हुए होमवर्क को करता है और साथ ही पढ़ाए गए पाठ को दोहराता है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह साफ सुथरे कपड़े पहनता है और उसकी आंखों में एक अलग ही तेज होता है वह निडर और साहसी होता है. स्कूल के सभी बच्चे उसकी तरह बनना चाहते हैं आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों का प्रेरणा स्रोत होता है. वह हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करता है और सभी के साथ प्रेम भाव से रहता है.
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आदर्श विद्ययार्थी
विद्यार्थी जीवन मनुष्य के भविष्य के निर्माण का कार्य कार्य विद्यार्थी कार्य का उद्देश्य केवल विद्या प्राप्त करना ही नहीं, वरन, शारीरिक और आत्मिक सभी प्रकार से उन्नति करना है। ये सब की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम, सच्ची लगन, सच्चरित्र और एकाग्रता की आवश्यकता होती है। आदर्श विद्यार्थी का चरित्र श्रेष्ठ होना चाहिए। उससे आत्म संयम भी होना चाहिए।
विद्या मनुष्य को विनम्र बनाता है और नम्रता योगिता लाती है। आदर्श विद्यार्थी को अहंकार से दुःख से बचना चाहिए। उसे मधुर भाषी और सत्यवादी होना चाहिए। शिक्षा विद्यार्थी को स्वावलंबी और तपस्वी बनाती है और उसे धैर्य पैदा करती है। आदर्श विद्यार्थी को उसताबी कीड़ा ना बन कर नियमित रूप से खेल व्यायाम में भी भाग लेना चाहिए।