adbhut ras examples...plz fast
Answers
Answered by
9
महादेवी जी की कविता की कुछ पंक्तियों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रही हूं--
जिस मुक्ताहल में मेघ भरे
जो तारो के तृण में उतरे,
मै नभ के रज के रस-विष के
आँसू के सब रँग जान चली।
कवि केशवदासजी की कुछ पंक्तियां अद्भुत रस के उदाहरण के रूप में--
ऊँची-ऊँची अटनि पताका अति ऊँची-ऊँची,
कौशिक की कीन्हीं गंग खेलै खे तरलतर।
आपने सुखन निन्दत नरिन्दनि को,
घर देखियत देवता सी नारि नर।
केशवदास त्रास जहाँ केवल अदृष्ट ही की,
वारिए नगर और ओड़छे नगर पर।
जिस मुक्ताहल में मेघ भरे
जो तारो के तृण में उतरे,
मै नभ के रज के रस-विष के
आँसू के सब रँग जान चली।
कवि केशवदासजी की कुछ पंक्तियां अद्भुत रस के उदाहरण के रूप में--
ऊँची-ऊँची अटनि पताका अति ऊँची-ऊँची,
कौशिक की कीन्हीं गंग खेलै खे तरलतर।
आपने सुखन निन्दत नरिन्दनि को,
घर देखियत देवता सी नारि नर।
केशवदास त्रास जहाँ केवल अदृष्ट ही की,
वारिए नगर और ओड़छे नगर पर।
Answered by
7
1 - "आगे नदियां खरी अपार घोड़ा कैसे उतरे,
राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार।"
2 - " देख यशोदा शिशु के मुख में सकल विश्व की माया, क्षण भर में बनी अचेतन हिल न सकी कोमल काया।"
Similar questions