adbhut ras par kavita with rhymes
Answers
Answered by
16
Here is Your Answer.......
Adbhut ras par kavita :
देख यशोदा शिशु के मुख में, सकल विश्व की माया
क्षणभर को वह बनी अचेतन, हिल न सकी कोमल काया
देखरावा मातहि निज अदभुत रूप अखण्ड
रोम रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड
Hope it helps....(^^)
Adbhut ras par kavita :
देख यशोदा शिशु के मुख में, सकल विश्व की माया
क्षणभर को वह बनी अचेतन, हिल न सकी कोमल काया
देखरावा मातहि निज अदभुत रूप अखण्ड
रोम रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड
Hope it helps....(^^)
Answered by
9
‘अद्भुत रस’ पर कवि ‘प्रदीप’ द्वारा रचित एक कविता प्रस्तुत है....
अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ
मंथन का अधिकार है सबको फल प्रभु तेरे हाथ
तेरे फूलों से भी प्यार
तेरे काँटों से भी प्यार
जो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
तेरे फूलों से भी प्यार
चाहे सुख दे या दुःख, चाहे ख़ुशी दे या गम
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
चाहे हंसी भरा संसार दे या आंसुओं की धार
जो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
हमको दोनों हैं पसंद तेरी धूप और छाँव
दाता किसी भी दिशा में ले चल ज़िन्दगी की नाव
चाहे हमें लगा दे पार डूबा दे चाहे हमे मझधार
जो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
Similar questions