Social Sciences, asked by payalthakur11payal, 5 months ago

ADHAY 11 ADHAY-naye samrajya or rajya sahi ya Galt batoo​

Answers

Answered by thomasliya17
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Explanation:

6 इतिहासStudytik✔

नये साम्राज्य और राज्य

NCERT Solutions

प्रश्न 1: सही या गलत बताओ।

(क) हरिषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी।

(ख) आर्यावर्त के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेँट लाते थे।

(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे।

(घ) गुप्त शासको के नियंत्रण में दो महत्वपूर्ण केंद्र तक्षशिला और मदुरै थे।

(ङ) ऐहोल पल्लवों की राजधानी थी।

(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रही।

उत्तर: (क) गलत (ख) गलत (ग) सही (घ) गलत (ड.) गलत (च) सही

प्रश्न 2: ऐसे तीन लेखकों के नाम लिखो जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।

उत्तर: वाणभट्ट, रविकीर्ति और श्वैन त्सांग

प्रश्न 3: इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव आए?

उत्तर: इस युग में सैन्य संगठन में कई बदलाव आए। कुछ राजा अभी भी पुराने राजाओं की तरह एक सुसंगठित सेना रखते थे। इस समय कुछ ऐसे सेनानायक भी होते थे, जो आवश्यकता पड़ने पर राजा को सैनिक सहायता दिया करते थे। इन सेनानायको को कोई नियमित वेतन नहीं मिलता था। सेवा के बदले उन्हें भूमि दान में दी जाती थी। इन्हें कर वसूलने का अधिकार भी मिल जाता था। इसीसे वे युद्ध के लिए जरूरी संसाधन जुटाते थे। इन सेनानायको को सामंत कहा जाता था। जिन जगहों के शासक कमजोर होते थे, ये सामंत स्वतंत्र होने की कोशिश करते थे।

प्रश्न 4: इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या क्या नई चीजें दिखती है?

उत्तर : पहले की तरह इस समय भी भूमि ही कर का सबसे महत्वपूर्ण साधन बना रहा। प्रशासन की सबसे प्राथमिक इकाई गाँव थी। लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इस समय कोई भी इतना शक्तिशाली राजा नहीं था, जो इस महाद्वीप पर सम्पूर्ण नियंत्रण रख सके। इसके लिए उन्होंने सत्ता की साझेदारी के उपाय निकाले। जिसके तहत शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों को अपनी ओर करने का प्रयास करने लगे।

कुछ प्रशासनिक पद आनुवांशिक बन गए अर्थात पिता की मृत्यु के बाद उस पद को पुत्र को दे दिया जाता था।

कभी कभी कई पदों को एक ही व्यक्ति सम्भालता था।

वहाँ के स्थानीय प्रशासन में प्रमुख व्यक्तियों जैसे- मुख्य बैंकर, व्यपारिक समूह के नेता, मुख्य शिल्पकार और कायस्थो(लिपिको) का बोलबाला था।

प्रश्न 5: क्या प्रशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे? अपने उत्तर के कारण बताओ।

उत्तर: ‘प्रशस्ति’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है किसी की प्रशंसा। उस समय राजा की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखा जाता था, जो संस्कृत में लिखा जाता था, और जिसे राजा और ब्राह्मण ही समझते थे। आम लोग तो प्राकृत भाषा समझते थे। इसलिए प्रशस्तियो को वे न तो पढ़ पाते थे और न समझ पाते थे।

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