Hindi, asked by bhadauriaarav, 8 months ago

adhmi namak kavita ka pratipadhya bataiye

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Answered by bangtanarmy91
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Explanation:

समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने अपनी कविता में बड़ी ही सरलता से पेश किया है। नज़ीर साहब को आम जनता की शायरी करने के कारण उपेक्षित किया जाता रहा। ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी आम चीजों पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की ‘उत्कृष्ट शायरी’ को पहचाना गया और आज उन्हें उर्दू साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक माना जाता है। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई, जितनी कि उन्हें आज मिल रही है।

भाषा के क्षेत्र में भी उनकी अच्छी पकड़ थी, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और बड़ी सहजता से अपने काव्यों में हिन्दी के शब्दों का उपयोग किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और अलंकारों से मुक्त है। इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए।

love you army

purple you

you will never walk alone

pl. mark as brainliest if helpful to you

Answered by bhumi1714
1

Answer:

(1)

दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी

और मुफ़लिश-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी

निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी

टुकड़े चबा रहा है सो है वो भी आदमी.

2)

मसज़िद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ

बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ

पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज यां

और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ

जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी.

3)

यां आदमी पै जान को वारे है आदमी

और आदमी पै तेग को मारे है आदमी

पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी

चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी

और सुनके दौड़ता है सो है वो भी. 4)अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर

ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर

अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर

और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी. hope this is helpful make me as branlist.

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