Adhunik Jeevan Shaili Ke Karan Nirmit samasya aur Sajan Ki Prerna in Triveni se milti hai spasht kijiye
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Explanation:Adhunik Jeevan Shaili Ke Karan Nirmit samasya aur Sajan Ki Prerna in Triveni se milti hai spasht kijiye
आधुनिक जीवन शैली के कारण निर्मित समस्याओं से जूझने की प्रेरणा इन त्रिवेणियों से मिलती है:
“कल खुशी मिली थी ,
जल्दी में थी
रूकी नहीं |”
यह एक गुलजारसाहब द्वारा लिखी गई त्रिवेणि है | यह एक जीवन को निराशाओं के दौर से उबरने का पैगाम देने वाली त्रिवेणी है | समय के बदलाव पर व्यंग करते हुए एक समझाया है:
आधुनिक जीवन शैली के कारण निर्मित समस्याओं से जूझने की प्रेरणा ऐसी अनेक त्रिवेणीयाँ है जो हमे समस्याओं का मुक़ाबला करने की सीख देती है|
ऐसी अनेक त्रिवेणीयाँ है जो हमे समस्याओं का मुक़ाबला करना सिखा देती है | आधुनिक युग की जीवन –शैली में मनुष्य के पास समय की बड़ी कमी है, यह एक बड़ी समस्या है ऐसे में छोटी – सी त्रिवेणी पढ़कर प्रेरणा लेकर व्यक्ति हिम्मत लेकर अपने लक्ष्य को पूरा कर सकता है और ज़िंदगी में आगे बढ़ सकता है |
आधुनिक युग की जीवन –शैली में मनुष्य के पास समय की बड़ी कमी है| समय की कमी है| किसी के पास समय नहीं कीसी से बात करने का , किसी से मिलने का| साथ यह भी सिखाती है की समय के साथ कैसे चलना है , समय का सदुपयोग कैसे करना है|