Adhyatmikta Me Upsarg Aur Pratyay Alag Karo
Answers
‘आध्यात्मिकता’ में ‘उपसर्ग‘ और ‘प्रत्यय’ अलग करो
‘उपसर्ग’ (Prefix) वो शब्द होते हैं जो दो शब्दों से मिलकर बने होते हैं। किसी शब्द के आरंभ कोई और शब्द लगा दिया जाता है तो उस शब्द का अर्थ ही बदल जाता है।
‘प्रत्यय’ (Suffix) वो शब्द होते हैं, जो किसी शब्द के अंत में लगाये जाते हैं जिससे उस शब्द के अर्थ या तो बदल जाता है या उस शब्द के अर्थ को उसी संदर्भ में एक विशिष्टता मिलती है।
‘आध्यात्मिकता’ में उपसर्ग व प्रत्यय का प्रथक्करण...
आध्यात्मिकता — अधि + आत्म + इक + ता
इस शब्द में एक उपसर्ग ‘अधि’ तथा दो प्रत्यय ‘इक’ एवं ‘ता’ का प्रयोग हुआ है, मूल शब्द है ‘आत्म’
Answer:
उपसर्ग :- ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पहले जोड़कर किसी ने शब्द का निर्माण करते हैं, तथा उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन उत्पन्न करते हैं। उपसर्ग कहलाते हैं।
प्रत्यय :- ऐसे शब्द जो शब्द या धातु के अंत में जोड़कर नवीन शब्दों का निर्माण करते हैं। तथा शब्द के अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं । प्रत्यय कहलाते हैं ।
आपका उत्तर
आध्यात्मिकता में उपसर्ग होगा अधि एवं इसका मूल शब्द होगा अध्यात्म एवं इसका प्रत्यय होगा ता ।
आशा करता हूं आपको मेरा उत्तर पसंद
Explanation: