Hindi, asked by neelpatel21040, 9 months ago

Adimanav se adhunik manav manav ke vikas ki charcha

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Answered by drsushmadevi
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Answer:दक्षिणी चीन में मानव की एक आदिम प्रजाति के अवशेष मिले हैं. इन हड्डियों में खोपड़ी और दांत के अवशेष हैं जो कि करीब चौदह हजार साल पुराने बताए जा रहे हैं.

यह वही समय है जबकि आधुनिक मानव प्रजाति अर्थात होमो सैपियंस का दुनिया के तमाम हिस्सों में विस्तार हुआ था.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये अवशेष या तो किसी नई प्रजाति के हो सकते हैं, या होमो सैपियंस की उप-प्रजाति या फिर इन दोनों की कोई संकर प्रजाति हो सकती है.

करीब पांच लोगों की जो हड्डियों के जो अवशेष मिले हैं, माना जा रहा है कि ये 11,500 से 14,500 साल पुराने हो सकते हैं.

लेकिन वैज्ञानिक इन अवशेषों को फिलहाल लाल हिरनों की गुफा में रहने वाले लोग बता रहे हैं क्योंकि जहां से इन्हें खोजा गया है उस जगह का नाम यही है.

विश्लेषण की जरूरत

इन अवशेषों की खोज करने वाली टीम ने एक विज्ञान पत्रिका को बताया कि इनका संबंध आधुनिक मानव से स्थापित करने से पहले अभी और अध्ययन और विश्लेषण की जरूरत है.

शोध टीम के एक सदस्य और ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डेरेन कर्नो ने बीबीसी को बताया, “हम इस बारे में बहुत ही सावधानीपूर्वक काम कर रहे हैं कि इनका वर्गीकरण कैसे किया जाए.”

उनके मुताबिक, “इसकी एक वजह यह भी है कि मानव विकास या जीवाश्म मानवविज्ञान में अभी इस बारे में वैज्ञानिकों में आम सहमति नहीं है कि कि होमो सैपियंस यानी आधुनिक मानव प्रजाति सही परिभाषा क्या हो.”

पिछले कुछ दिनों में चीन में इस तरह के कई जीवाश्म मिल चुके हैं लेकिन ये पहली बार है जिसके विस्तृत विश्लेषण करने की सिफारिश की गई है.

ये जीवाश्म युआन प्रांत के मेंगजी शहर के पास मालुडोंग में मिला है जिसे लाल हिरन की गुफा भी कहा जाता है.

यहां दो जगहों से मिली खोपड़ी और दांत में काफी समानता है, और कहा जा रहा है कि ये एक ही प्रजाति के हो सकते हैं.

लेकिन रंग रूप बेहद स्पष्ट हैं और ये कहा जा सकता है कि ये आधुनिक मानव के बहुत करीब हैं.

मिश्रित लक्षण

हालांकि इस गुफा में रहने वाली आबादी में आदिमानव और आधुनिक मानव के मिश्रित लक्षण पाए जाते हैं.

वैज्ञानिकों ने इस बारे में दो शोध की संभावनाएं जताई हैं जिनमें एक में इस समुदाय की उत्पत्ति के बारे में है और दूसरी इनके यहां से विस्थापित होकर आधुनिक मानव में तब्दील होने की विकास प्रक्रिया से संबंधित है.

वैज्ञानिकों की कोशिश है कि इन अवशेषों के डीएनए निकालकर उसका परीक्षण किया जाए. इससे तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की जा सकती हैं.

वैज्ञानिकों के निष्कर्ष पर लाल हिरन वाली गुफा के लोग कितने फिट बैठते हैं ये अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.

इस टीम में युआन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी झोपिंग भी शामिल हैं.

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Answered by anushkajha733
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