CBSE BOARD X, asked by ansfar1, 6 months ago

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Answered by Anonymous
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Answer:

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाना कितना मुश्किल है?

अगर आपको लग रहा है कि इम्यूनिटी को बढ़ाना असंभव है तो, ऐसा नहीं है। आधुनिक जीवनशैली के खानपान और रहन-सहन से हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद खोई इम्यूनिटी को वापस भी पाया जा सकता है।

क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में भीगें लेकिन हमें जुकाम न हो। हम सर्दी में कैप लगाए बिना थोड़ी देर बाहर निकल जाएं तो भी हमें बुखार न हो। गर्मियों की दोपहर में अगर बाहर निकलना पड़े तो हमें लू न लगे। और कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से भी बचे रहें!

आयुर्वेद में मनुष्य की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है। इनमें से सबसे असरदार गिलोय (Giloy) या अमृता (Amrita) को माना जाता है। आइए जानते हैं,

गिलोय क्या है

गिलोय के फायदे क्या हैं

गिलोय के उपयोग क्या हैं?

और कितनी मात्रा में इसका सेवन किया जाना चाहिए?

गिलोय क्या है? (What Is Giloy?)

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गिलोय (Giloy) एक बेल है। ये आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, बाग-बगीचों, पेड़ों-झाड़ियों और दीवारों पर उगती है। गिलोय का वैज्ञानिक नाम 'टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया' (Tinospora Cordifolia) है। इसे,

अंग्रेजी में Giloy, Gilo, The Root Of Immortality

कन्नड़ में अमरदवल्ली

गुजराती में गालो

मराठी में गुलबेल

तेलुगू में गोधुची, तिप्प्तिगा

फारसी में गिलाई

तमिल में शिन्दिल्कोदी

कहा जाता है।

गिलोय की बेल बहुत तेजी से बढ़ती है। गिलोय के पत्ते पान की तरह बड़े आकार के, चिकने और हरे रंग के होते हैं। अगर इसे पानी युक्त जगह पर लगाया जाए तो पत्तों का आकार बड़ा हो जाता है।

गिलोय के फूल गर्मी के मौसम में निकलते हैं। ये छोटे गुच्छों में ही निकलते और बढ़ते हैं। गिलोय के फल मटर जैसे अण्डाकार, चिकने गुच्छों में लगते हैं। पकने के बाद इनका रंग लाल हो जाता है। गिलोय के बीजों का रंग सफेद होता है। गिलोय को आसानी से घर में भी उगाया जा सकता है।

गिलोय के फायदे (Giloy ke Fayde)

हमने रोज गिलोय का जूस पीने के 20 फायदे हिंदी में नीचे सूचीबद्ध किए हैं (Giloy benefits in hindi) |

1. डायबिटीज के लिए गिलोय (Giloy For Diabities)

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डायबिटीज के ऐसे मरीज जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज (Type 2-Diabetes) की समस्या है, उन्हें गिलोय के सेवन से काफी लाभ मिल सकता है। गिलोय में काफी मात्रा में हाइपोग्लाईकैमिक एजेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अक्सर डॉक्टर गिलोय के जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप भी मार्केट से गिलोय जूस को खरीदकर इसका सेवन कर सकते हैं।

2. रयूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए गिलोय (Giloy For Rheumatoid Arthritis)

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रयूमेटाइड आर्थराइटिस को हिंदी में आमवातीय संधिशोथ कहा जाता है। ये एक प्रकार का ऑटो इम्यून गठिया होता है। गिलोय के नियमित सेवन से रयूमेटाइड आर्थराइटिस के कई मरीजों ठीक होते देखा गया है। गिलोय में एंटी ऑर्थराइटिक और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं।

रयूमेटाइड आर्थराइटिस के उपचार के लिए गिलोय और अदरक को एक साथ मिलाकर सेवन किया जाता है। जबकि जोड़ों या गठिया के दर्द के उपचार के लिए गिलोय के तने या पाउडर को दूध के साथ उबालकर पीने की सलाह दी जाती है।

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