aek druwiya visva piyavstha ke udey ka kya karan tha
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द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध था। 70 देशों सेनाएँ इस द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित थीं। इस युद्ध में राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध था। 70 देशों सेनाएँ इस द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित थीं। इस युद्ध में राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें गईंद्वितीय विश्व युद्ध के कारण और परिणाम
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध था। 70 देशों सेनाएँ इस द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित थीं। इस युद्ध में राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें गईंद्वितीय विश्व युद्ध के कारण और परिणामद्वितीय विश्व युद्ध
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध था। 70 देशों सेनाएँ इस द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित थीं। इस युद्ध में राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें गईंद्वितीय विश्व युद्ध के कारण और परिणामद्वितीय विश्व युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध था। 70 देशों सेनाएँ इस द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मिलित थीं। इस युद्ध में राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें गईंद्वितीय विश्व युद्ध के कारण और परिणामद्वितीय विश्व युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के कारणलगभग बीस वर्षों की ‘शांति’ के बाद 1 सितम्बर, 1939 के दिन द्वितीय विश्व युद्ध की अग्नि ने फिर सारे यूरोप को अपनी लपटों में समेट लिया और कुछ ही दिनों में यह संघर्ष विश्वव्यापी हो गया। विगत दो शताब्दियों के इतिहास के अध्ययन के बाद यह प्रश्न स्वाभाविक है कि शांति स्थापित रखने के अथक प्रयासों के बाद भी द्वितीय विश्व युद्ध क्यों छिड़ गया? क्या संसार के लागे और विविध देशों के शासक यह चाहते थे? नहीं; यह गलत है। समूचे संसार में शायद कोई भी समझदार व्यक्ति ऐसा नहीं था जो युद्ध की कामना करता हो। ‘बच्चे-बूढ़े स्त्री-पुरूष तथा सभी वर्ग की जनता शांति चाहती थी। इसी तरह यूरोप की कोई सरकार द्वितीय विश्व युद्ध नहीं चाहती थी। यहाँ तक कि जर्मन सरकार भी द्वितीय विश्व युद्ध से बचना चाहती थी। स्वयं हिटलर भी द्वितीय विश्व युद्ध नहीं चाहता था।