अफीम क्या है? अंग्रेजी सरकार इसका क्या करती थी ?
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अफीम एक प्रकार का मादक पदार्थ है। जिसके सेवन से शरीर का स्वास्थ बिगड़ जाता है। अंग्रेजी सरकार इसको चीन से व्यापार करते थे । इसके उत्पादन के लिए भारतीय किसान पर ज़ुल्म करते थे।
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अफ़ीम (Opium ; वैज्ञानिक नाम : lachryma papaveris) अफ़ीम के पौधे पैपेवर सोमनिफेरम के 'दूध' (latex) को सुखा कर बनाया गया पदार्थ है, जिसके सेवन से मादकता आती है। इसका सेवन करने वाले को अन्य बातों के अलावा तेज नीद आती है। अफीम में १२% तक मार्फीन (morphine) पायी जाती है जिसको प्रसंस्कृत (प्रॉसेस) करके हैरोइन (heroin) नामक मादक द्रब्य (ड्रग) तैयार किया जाता है। अफीम का दूध निकालने के लिये उसके कच्चे, अपक्व 'फल' में एक चीरा लगाया जाता है; इसका दूध निकलने लगता है, जो निकल कर सूख जाता है। यही दूध सूख कर गाढ़ा होने पर अफ़ीम कहलाता है। यह लसीला (sticky) होता है।
प्लासी युद्ध की जीत के बाद अंग्रेजों ने भारत में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया. इसी के साथ ही ब्रिटिश अपना उपनिवेशवाद भी बढ़ाना चाहते थे, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो.
अपनी आय को बढ़ाने के लिए अंग्रेजी सरकार ने लगान जैसी एक व्यवस्था कायम की, हालांकि उन्होंने खेती को कुशल योग्य बनाने के लिए लगातार कोशिशें भी की. भले ही अपने फायदे के लिए ही सही.
एक वक़्त ऐसा था, जब भारतीय किसान गेहूं, कपास, धान, गन्ना और कपास की खेती ज्यादा किया करते थे. आगे अंग्रेजों के आने के बाद विश्व बाज़ार की मांग के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रीय किसानों ने कई नई फसलें उगाना शुरू कर दिया.
इसके बाद भारत के कुछ हिस्सों में भारतीय किसान नील की खेती करने लगे थे. इसी के साथ ही कुछ हिस्सों में अफीम की भी खेती की जाने लगी.
इसी कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि भारत में पैदा की जाने वाली अफीम का इतिहास इंग्लैंड के साथ चीन से भी जुड़ा हुआ है, जिसको जानना हमारे लिए दिलचस्प रहेगा
तो चलिए जानते हैं कि किस तरह भारतीय किसानों को अफीम की खेती करने के लिए ब्रिटिश सम्राज्य ने प्रोत्साहित किया और बाद में इसकी बढ़ती मांग के लिए इनको प्रताड़ित भी किया गया.