अफ
मा
न डेडो मुझे, मे सताया गया है.
डसाते-हंसातलाया गया हूँ।
सताएइए को सताना बुर है,
त्वयित की तुया को बढाना नरा है।
बात क्या दाब या भीख की संजीयनही
हूँ
तुटाया गया हूँ।
नं स्वीकार अझको नियलणकरची
का अस्वीकार
कबहॅनिमलण किसी का
मुखर प्यार के मौन वातावरण में
अचरता अोछा समर्पण किसी का।
प्रकृति के पटल पर बात लिका से
अधुरा बनाकर मिटाया गया।
मितिज पर धरा व्योम से बल्योगलती,
सदा चाँऊनी में चकोर निकलती।
तिभिर यकिन आहवान का प्रभाव का
करि रात भर ढीप की लोन जलती।
करीव्यंग मत व्यर्थ मेरे लब पर में
आमा नहीं हूँ, बुलाया गया है।
नहेड़ो मुझे, में सताया गया है कवि क्या प्रार्थना कर रहा है और क्यों
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sorry I am not undetstand your question plz ise hindimein likhiye
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