Hindi, asked by mdbilalahmed1920, 6 months ago



अग्नि देश से आता हूँ मैं / हरिवंशराय बच्चन
हरिवंशराय बच्चन » एकांत-संगीत »
अग्नि देश से आता हूँ मैं!


झुलस गया तन, झुलस गया मन,

झुलस गया कवि-कोमल जीवन,

किंतु अग्नि-वीणा पर अपने दग्‍ध कंठ से गाता हूँ मैं!

अग्नि देश से आता हूँ मैं!


स्‍वर्ण शुद्ध कर लाया जग में,

उसे लुटाता आया मग में,

दीनों का मैं वेश किए, पर दीन नहीं हूँ, दाता हूँ मैं!

अग्नि देश से आता हूँ मैं!


तुमने अपने कर फैलाए,

लेकिन देर बड़ी कर आए,

कंचन तो लुट चुका, पथिक, अब लूटो राख लुटाता हूँ मैं!

अग्नि देश से आता हूँ मैं! can anyone please explain me this poem in English​

Answers

Answered by ismailhipparagi
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Answer:

itna bada kaise liku me

Explanation:

how to write just like these ans

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