अग्रिमे दिने सः भोजनाय
शृगालस्य निवासम् अगच्छत्।
कुटिलस्वभावः शृगाल:
स्थाल्यां बकाय क्षीरोदनम्
अयच्छत्। बकम् अवदत्
च-“मित्र! अस्मिन् पात्रे
आवाम् अधुना सहै व
खादावः।" भोजनकाले बकस्य चञ्चुः स्थालीतः भोजनग्रहणे समर्था न अभवत्।
अत: बक: केवलं क्षीरोदनम् अपश्यत्। शृगालः तु सर्वं क्षीरोदनम् अभक्षयत्। what is the meaning?
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Meaning=> अगले दिन वह भोजन के लिए
सियार के घर पर गया। चतुर स्वभाव वाले सियार ने थाली में बक के लिए खीर लेकर आया। बक ने कहा -"दोस्त! इस पात्र में हम दोनों साथ मिलकर खाएंगे । " भोजन के समय बक की चोंच थाली में से भोजन ग्रहण करने में समर्थ नहीं हो रही थी। अतः बक केवल खीर देख रहा था। सियार खुद सारी खीर खा गया।
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बदलाव वबबववलडवडडववडडफफवठजवफसफवठ
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