Hindi, asked by devanshimody68, 17 days ago

Agar aasman me baadal nahi hote toh
is topic for essay likhe
std 9th Maharashtra board hindi composite 2nd sem 6th chp personal response question ​

Answers

Answered by goodboy9953
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Answer:

यदि नभ में बादल न होते, तो वर्षा रानी का आगमन रुक जाता। हमें वर्ष में आठ महीने सूर्य की प्रखर किरणों का ताप सहन करना पड़ता। छोटे पेड़, कोमल पौधे, हरी-भरी लताएँ और मखमली घासें सूख जातीं। कुओं का जल-स्तर बहुत नीचे चला जाता, तालाब सख जाते, खेती न हो पाती और वर्षा की प्रतीक्षा करते-करते धरती की छाती में गहरी दरारें पड जातीं।

हमारे देश में सिंचाई-व्यवस्था का विकास तो जरूर हुआ है, लेकिन सिंचाई के साधन भी वर्षा होने पर ही कारगर सिद्ध होते हैं। यदि नभ में बादल न घिरते, तो वर्षा कहाँ से होती? बेचारे किसान खेत जोतकर वर्षा के आगमन की प्रतीक्षा करते रह जाते।

वर्षा के अभाव में वे बीज न बो पाते। कुओं और तालाबों में पानी की सतह बहुत नीचे उतर जाती। जल के अभाव में सिंचाई करना बहुत कठिन हो जाता। छोटी-छोटी नदियाँ तो पूरी तरह सूख जाती और बड़ी-बड़ी नदियों में भी जल की कमी हो जाती।

जलाशयों का जल-स्तर गिर जाने से पेय जल का संकट उपस्थित हो जाता। सारी खेती का काम ठप हो जाता और सभी लोग अकाल पड़ जाने की आशंका से व्याकुल हो उठते।

अगर नभ में बादलों की काली घटाएँ न घिरतीं, तो वर्षा के अभाव में खाद्यान्नों का उत्पादन रुक जाता। कृषि-उपजों के भाव आसमान छूने लगते और महँगाई विकराल रूप धारण कर लेती। ग्रामीण क्षेत्रों में जमाखोरों और सूदखोरों की बन आती। छोटे और मध्यम श्रेणी के किसान अपने पशु और खेत कौड़ी के मोल बेचने लगते और कर्ज के बोझ के नीचे दबते चले जाते।

शहरों में महँगाई चरम सीमा पार कर जाती और हड़तालों तथा दंगों का दौर शुरू हो जाता। पेय जल की समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती। सरकार जनता के लिए जल की आपूर्ति करने में असमर्थ हो जाती और लोग नगरों-महानगरों से भागने लगते।

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