Hindi, asked by omkar112233, 1 year ago

agar budhapa na hota

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Answered by Chirpy
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      अगर बुढ़ापा न होता तो जीवन सदा हरा भरा रहता। सब जीवन भर स्वस्थ और चुस्त रहते। सबके कष्ट मिट जाते। लोगों को एक दूसरे पर पूरी तरह निर्भर होकर जीवन नहीं व्यतीत करना पड़ता। वे जीवन भर अपना काम स्वयं करने के लिए सक्षम होते। किसी को बुढ़ापे की बीमारियाँ और कमजोरी नहीं भोगनी पड़ती। उन्हें कम उम्र वालों से तिरस्कृत नहीं होना पड़ता।

      सब लोग आजीवन आत्म विश्वास के साथ रह सकते। यदि घर वालों के पास उनके लिए समय न होता तो उन्हें इतना दुःख न होता। क्योंकि अब वे आत्म निर्भर होते। उन्हें मानसिक कष्ट न होता साथ में शारीरक कष्ट भी न होता।  

      बड़े बुजुर्गों का सम्मान बना रहता और लोग उनकी आज्ञा का पालन करते। बुढ़ापे में तो उनकी कोई सुनता नहीं है। जो लोग पहले घर चलाने वाले थे और घर के सब निर्णय लेते थे वे बुढ़ापे में अपना यह अधिकार खो देते हैं क्योंकि वे शरीर से लाचार हो जाते हैं। यदि बुढ़ापा न होता तो उनका यह अधिकार सदा बना रहता। इस प्रकार लोगों का जीवन खुशियों से भर जाता।                            





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