Hindi, asked by pinkychakraborty1965, 2 months ago

Agar humare prithvi me se oxygen Ki matra kam hone lage ya oxygen khatm ho jaye to kya hoga? ​

Answers

Answered by ishikanimbole1120132
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Explanation:

Hindi

Save Earth: ऑक्सीजन जो कि प्राण वायु है... इसके बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं जा सकती... शरीर में एनर्जी ऑक्सीजन से बनती है...इमेजिन करिए कि अगर थोड़ी देर के लिए धरती से ऑक्सीजन गायब हो जाए, तो क्या होगा... आपको बता दें जैसे ही ऑक्सीजन खत्म होगी तो घुटन महसूस होगी.... दिमाग काम करना बंद कर देगा... ऐसा इसलिए होगा क्योंकि हमारी बॉडी में जितने भी सेल्स हैं उन सब को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है... हर जीवित कोशिका फूलकर फूट जाएगी... पानी में 88.8 फीसदी ऑक्सीजन होती है... ऑक्सीजन न होने पर हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में आ जाएगी... और इसका वॉल्यूम बढ़ जाएगा.. इससे हमारी सांस बाद में रुकेगी... हम फूलकर पहले ही फट जाएंगे... इतना ही कान का पर्दा भी फट जाएगा.... ऑक्सीजन नहीं होने पर हवा का दबाव घट जाएगा..ऐसे में हम सभी बहरे हो सकते हैं... धरती बहुत ठंडी हो जाएगी... दिन में भी अंधेरा छा जाएगा... ओजोन की मात्रा जब आधी हो जाएगी...तो उस दौरान जितने भी लोग समुद्र किनारे लेटे हुए होंगे, वे सभी पल झपकते ही सनबर्न के शिकार हो जाएंगे... आसमान का रंग नीला कम और काला ज्यादा लगेगा.. ऑक्सीजन गायब होते ही जमीन धंस जाएगी... पृथ्वी पर मौजूद सारे जीव 10 से 15 किलोमीटर नीचे आ गिरेंगे... कहा जा सकता है महज 5 सकेंड के लिए ऑक्सीजन पृथ्वी पर न हो, तो सब कुछ तबाह हो सकता है... यहां आपको बताते चलें हमारी पृथ्वी खतरे में है... क्योंकि

किसी वयस्क व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए जितनी ऑक्सीजन की जरूरत है, वह उसे 16 बड़े-बड़े पेड़ों से मिल सकती है। लेकिन पेड़ों की अंधाधुँध कटाई से उनकी संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि

हमारी धरती अपनी धुरी से 1 डिग्री तक खिसक गई है और ग्लोबल वार्मिंग शुरू हो चुकी है। तापमान बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन हो रहा है। वायु प्रदूषण से हर वर्ष 20 लाख लोग मारे जाते हैं। यह प्रदूषण जल्द ही नहीं रोका गया तो प्रतिवर्ष इस कारण 4 लाख 70 हजार लोगों की मौत होने का आंकड़ा बढ़ता जाएगा। एनवायरमेंटल रिसर्च लेटर्स के शोध से पता चला कि मानवीय कारणों से फैल रहे प्रदूषण के कारण ओजोन परत का छिद्र बढ़ता जा रहा है। इस प्रदूषण के कारण ही कैंसर जैसे घातक रोग बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा अनजान रोगों से लोगों की मृत्यु की आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं।

English

This is not just the case in Delhi. According to the Air Quality Index of Central Pollution Control Board, the ozone and the nitrogen dioxide particles are increasing in Manali and Chennai as well in recent times. This is a matter of personal concern to me. On 17th November in Velachery in my South-Chennai constituency in Tamil Nadu, the nitrogen dioxide was the permanent pollutant throughout the day. It remained prominent as well as permanent pollutant throughout the day and the PM 2.5 levels were around 46 to 67 micrograms per cubic metre. In the Alandur Depot in Tamil Nadu, it remained more than 110 micrograms per cubic metre throughout the day. But the present State Government instead of taking the bull by the horns just slumbered on it without taking any proper steps. It is neither aware of the seriousness of the situation nor it is taking any permanent and preventive measures. In contrast, when our party leader, Dr. Kalaignar was the Chief Minister of Tamil Nadu and our Party President Shri M.K. Stalin was the Deputy Chief Minister, a lot of lung spaces were created in Chennai. I would insist that the present State Government should take lessons from Dr. Kalaignar as well as from our Party leader, Shri M.K. Stalin in saving the environment from the hazards of air pollution as well as the global warming.

I already stated that it is not a local issue, but a global one. Now that India has been put on the top in the list of most polluted countries with Georgia and Bangladesh, we need to take it up with utmost urgency like a health emergency. It is also not a regional problem pertaining only to Delhi or to Manali or to Chennai. It is a problem of the tomorrow’s youth, problem of today’s as well as tomorrow’s children. It is the problem of our posterity. We say that the destiny of the nation is known in the way in which it is treating its senior citizens as well as its children. I urge upon the Union Government as well as the State Government, through you, to take proper steps to ensure the health and safety of the children who are the assets of the nation.

Our respected Member, Shri Manish Tiwari also had spoken about China as a trend setter. In that pathway, I would like to bring to the attention of the House the trend-setting attitude of the Londoners and the measures taken by Shri Sadiq Khan in 2016 when he was holding the office of Mayor of London. He declared the pollution rate of the city as public health emergency stating that the children living and studying in pollution hotspots are growing up with underdeveloped and stunted lungs.

Answered by aditi7327
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Answer:

अगर हमारे पृथ्वी में से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाए तो पृथ्वी पर जीवन नहीं होगा। ऑक्सीजन के खत्म होने से आकाश का रंग काला हो जाएगा।

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