Hindi, asked by sarvamm, 1 year ago

agar mai ped hota essay in hindi .please send

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Answered by rpvvdwarka
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वृक्ष प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है। पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है क्योंकि यहाँ वन मौजूद है। पृथ्वी की अनोखी एवं मनमोहक छटा का कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले वृक्षों एवं पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि मैं भी वृक्ष के रूप में प्रकृति का हिस्सा बनना चाहता हूँ ।


यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह प्रकृति के  सौन्दर्य एवं ऐश्वर्य का साक्षी होता। जैसा कि हम जानते हैं कि वृक्षों का असंख्य समूह वन का निर्माण करता है। वनों का हमारे पारिस्थितिक तंत्र को नियंत्रित करने में अहम योगदान है। वनों से जहां भोजन हेतु फल-फूल प्राप्त होते हैं वहीं जलावन तथा फर्नीचर के लिए लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं। वन से हमें जड़ी बूटियाँ  तथा सबसे अहम शुद्ध हवा मिलती है। इसके अतिरिक्त समस्य वन्य जीवों की आश्रम स्थली वन ही तो है। अतः यदि मैं भी वृक्ष होता तो समस्त जीवों के हितार्थ उपयोग में आता। मुझे मेरे नामों से तो कोई नहीं जानता लेकिन जिसके भी आँगन व बगीचे में होता उसके दिलों में राज करता। कभी मेरे फल तो कभी मेरे फूलों की मदहोश खुशबू लोगों को मेरी ओर खींच लाते।


वन बनकर मैं प्रकृति के सौन्दर्य को पुनः वापस लाने में सहयोग करता। आज हमारी पृथ्वी वैश्विक खतरे को भाँप चुकी है। वैज्ञानिको सहित लोगों में भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आयी है। अतः मैं पर्यावरण को उसी रूप में लाने के प्रयासों का भागी बनता। 


अतः मेरी यह दिली कामना है कि मेरा जन्म कभी-न-कभी वृक्ष के रूप में हो ताकि मैं प्रकृति के नैसर्गिक सौन्दर्य का हिस्सा बन कर इतरा सकूॅं।


sarvamm: plz write in easy words. thnx
Answered by krishna210398
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Answer:

agar mai ped hota essay in hindi

Explanation:

जैसा कि हम जानते हैं कि, पेड़ों के असंख्य समूह एक जंगल का उत्पादन करते हैं। जंगलों के पास हमारे पारिस्थितिक तंत्र के नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान है। भोजन के लिए भोजन के फूल प्राप्त होते हैं, जंगल दहन और फर्नीचर के लिए जो सामग्री चाहिए होती है वह सब एक पेड़ ही दे सकता है।

यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह प्रकृति के  सौन्दर्य एवं ऐश्वर्य का साक्षी होता। जैसा कि हम जानते हैं कि वृक्षों का असंख्य समूह वन का निर्माण करता है। वनों का हमारे पारिस्थितिक तंत्र को नियंत्रित करने में अहम योगदान है। वनों से जहां भोजन हेतु फल-फूल प्राप्त होते हैं वहीं जलावन तथा फर्नीचर के लिए लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं। वन से हमें जड़ी बूटियाँ  तथा सबसे अहम शुद्ध हवा मिलती है। इसके अतिरिक्त समस्य वन्य जीवों की आश्रम स्थली वन ही तो है। अतः यदि मैं भी वृक्ष होता तो समस्त जीवों के हितार्थ उपयोग में आता। मुझे मेरे नामों से तो कोई नहीं जानता लेकिन जिसके भी आँगन व बगीचे में होता उसके दिलों में राज करता। कभी मेरे फल तो कभी मेरे फूलों की मदहोश खुशबू लोगों को मेरी ओर खींच लाते।

वन बनकर मैं प्रकृति के सौन्दर्य को पुनः वापस लाने में सहयोग करता। आज हमारी पृथ्वी वैश्विक खतरे को भाँप चुकी है। वैज्ञानिको सहित लोगों में भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आयी है। अतः मैं पर्यावरण को उसी रूप में लाने के प्रयासों का भागी बनता।

अतः मेरी यह दिली कामना है कि मेरा जन्म कभी-न-कभी वृक्ष के रूप में हो ताकि मैं प्रकृति के नैसर्गिक सौन्दर्य का हिस्सा बन कर इतरा सकूॅं।

agar mai ped hota essay in hindi .please send

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Essay on 'agar main bolena wala PED hota tho'in hindi

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