Agar Pariksha Na Hoti Essay In Hindi
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यदि परीक्षा का भय न होता तो बच्चे कदापि नहीं पढ़ते। ... यदि परीक्षा का भय ही तो है जो उन्हें कुसंगति, मौज-मस्ती आदि चीजों से दूर रखता है। बच्चे परीक्षा के भय से सजग होकर अपना ध्यान पढ़ने-लिखने पर केंद्रित करते हैं। यदि परीक्षाएं न होतीं तो उन्हें उनकी योग्यता का पता कैसे चलता !
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HA SAHI HAI NHI HONI CHAHIYE THI PARIKSHA
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