Hindi, asked by Hellokitty10, 1 year ago

agar suraj na hota to kya hota

Answers

Answered by Rupalisingh
13
agar suraj nhi hoga toh paudhe sukh kr mar jayenge , din nhi ho payega kiske karan hmesa raatri he rah jayegi.
Answered by genat
5

अगर सूर्य अचानक गायब हो गया तो पृथ्वी पर उस वक्त किसी को पता नहीं चलेगा। सूर्य के गायब हो जाने के बाद 8 मिनिट और 19 सेकंड उसकी रोशनी और उर्जा पृथ्वी पर आती ही रहेगी। क्योंकि हम जानते हैं सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर पहुंचते पहुंचते 8 मिनिट और 19 सेकंड जितना वक्त लगता हैं। उसके बाद पृथ्वी पर अनंत काल की रात्री की शुरुआत हो जाएगीं।

8 मिनिट और 19 सेकंड के बाद पृथ्वी ना केवल सूर्य के प्रकाश और उर्जा को खो देंगी बल्कि उसका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव भी खो देंगी। वह सूर्य की कक्षा से बाहर निकल जायेगी। पृथ्वी प्रति सेकंड 18 मील की गति से किसी एक सीधी रेखा में अपना INTERSTELLAR प्रवास शुरू कर देंगी।

पृथ्वी पर अँधेरा होने के 30 मिनिट बाद गुरु (JUPITER) सूर्य का प्रकाश और गुरुत्वाकर्षण बल खो देंगा। सूर्य गायब हो जाने के बाद और एक घंटे तक गुरु ग्रह पर उसकी रोशनी आती रहेगी। उसके बाद वहाँ पर भी अनंतकाल की रात्री की शुरुआत हो जायेगी।

सूर्य के चले जाने के बाद चाँद भी उसकी रोशनी को रिफ्लेक्ट नहीं कर पायेगा। तब पृथ्वी केवल एक चीज़ से रोशनी प्राप्त कर पाएगी और वह हैं आसमान में चमकते हुए तारे। लेकिन प्राप्त होनेवाली यह रोशनी बेहद कम होगी। इकमो से मिलनेवाली विध्युत उर्जा थोड़े समय तक प्राप्त होती रहेगी और बड़े शहर एकदम से चमकने लगेंगे। थोड़े समय तक जीवन चलता रहेगा।

सूरज की रोशनी के बिना, प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की क्रिया बंद हो जायेगी। क्योंकि वनस्पतियाँ कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से खाना बनाने के लिए सूर्य की रौशनी का उपयोग करती हैं। सूरज के बिना पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को inhale नहीं कर पाएंगें और प्राणवायु ऑक्सीजन को exhale नहीं कर पाएंगें। लेकिन पौधो के बिना भी पृथ्वी पर इतनी मात्रा में ऑक्सीजन वायु होगा की पृथ्वी के समग्र प्राणिजगत को हजारो सालों तक जिन्दा रख पाएगा।

बिना सूरज के हमारी पृथ्वी पर तापमान गिरने लगेगा और पूरा ग्रह जमने लगेगा। हमारे गृह को पूरी तरह से SOLID FREEZE होने में लाखो साल लगेगे,लेकिन पृथ्वी की उपरी पपड़ी का तापमान 1 हफ्ते के अन्दर अन्दर ही 0 डिग्री से नीचे चला जाएगा और 1 साल के भीतर -100 डिग्री तक पहुँच जाएगा। कुछ ही लाखों वर्षो में तापमान -240 डिग्री स्थिर पर होगा लेकिन पृथ्वी की भूतापीय ऊर्जा अभी भी काम कर रही होगी।

अत्यधिक तापमान, आतंक, और सभ्यता के पतन के बीच, मानव जनसंख्या के अधिकांश हिस्से का सफाया हो जाएगा। जीवित रहने के लिए उपयुक्त गर्मी हांसिल करने के लिए पृथ्वी की भूतापीय उर्जा का सहारा लेना पड़ेगा। इसके लिए पृथ्वी के केंद्र के करीब जाने की आवश्यकता पड़ेगी।

सूर्य के जाने के 1 से 3 सालों के बिच समन्दरो की सतह जम कर ठोंस हो जायेगी। तब बर्फ एक INSULATOR का काम करेगी,बर्फ की निचे की सतह का पानी लाखो सालों तक प्रवाही स्वरुप में रह पायेगी। सूर्य के जाने के 20-30 सालों में हमारा ग्रह इतना ठंडा हो गया होगा की तब हमारा वातावरण प्रवाही स्वरूप का होने लगेगा। हो सकता हैं की हवा के बादल बनने लगे और LIQUID AIR के स्वरुप में उसकी बारिश हो,जमी हुई हवा जैसा बर्फ।

पर्याप्त प्लानिंग के साथ यह मुमकिन हो सकता हैं की इस समय तक भी हम जिंदा बच सके। करोडो वर्षो के बाद,पृथ्वी आकाश गंगा में 1,00,000 प्रकाशवर्ष जितना अंतर काट लेंगी। हो सकता हैं की हमारी पृथ्वी इतने समय में किसी और तारे के नजदीक आ जाए और हमारे नए तारे के ORBIT में उसके आसपास चक्कर काटने लगे।

Similar questions