अगर आप मिस्र की ममी, डायनासोर या जीवाश्म कंकाल को करीब से देखना चाहते हैं? तो फिर आप तुरंत कोलकाता के जादुई संग्रहालय में जाएँ, बंगाल के एशियाई समाज द्वारा संसथापित, भारतीय संग्रहालय पूरी दुनिया के एशिया-प्रशांत में सबसे पुराना और सबसे बड़ा बहुउद्देश्यीय संग्रहालय है। मानव निर्मित और प्राकृतिक वस्तुओं को राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए, एक संग्रहालय बनाने का विचार किया गया। संग्रहालय में संग्रहित वस्तुएँ इतनी अद्भभुत है कि स्थानीय लोग इसको “जादू घर” या मैजिक हाउस कहते है। सन् 1814 ई0 में इस अविश्वसनीय संग्रहालय का निर्माण कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में हुआ।
भारतीय संग्रहालय प्राचीन वस्तुओं और कलाकृतियों का 1,00,000 से अधिक संग्रह करने की वजह से देश का सबसे बड़ा भंडार-गृह बन गया है। भारतीय संग्रहालय पुरातात्विक, भौगोलिक और वनस्पति वस्तुओं का सबसे प्रभावशाली संग्रह है। इस तरह के हड़प्पा सभ्यता के अवशेष के रूप में आश्चर्यजनक वस्तुओं, उल्कापिंड, बुद्ध की राख, शाह जहाँ का मरकत प्याला, और यहां तक कि मानव भ्रूण को भी भारतीय संग्रहालय की गैलरी में देखा जा सकता है। भारतीय संग्रहालय की शानदार संरचना के निर्माण के लिए इटैलियन वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया था। संग्रहालय के छह विभाग – कला, पुरातत्व, मानव विज्ञान, भू-विज्ञान, जन्तु विज्ञान और अर्थशास्त्रीय वनस्पति विज्ञान एवं इस तरह की 60 प्रदर्शनियाँ मौजूद हैं।
इतिहास के बारे में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए किताब की दुकान और पुस्तकालय भी उपलब्ध हैं। भारतीय संग्रहालय को भारत के संविधान में राष्ट्रीय संस्था के रूप में महत्व प्राप्त है। यह भारतीय संस्कृति और विरासत के विशिष्ट प्रमाणों की पेशकश करता है। हमारे देश के समृद्ध इतिहास की जानकारी पाने के लिए भारतीय संग्रहालय एक उत्तम स्थान है।
समय:
मार्च – नवंबर: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
दिसंबर – फरवरी: सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक
सोमवार और सार्वजनिक छुट्टियों पर बंद
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 10 रुपये।
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