Hindi, asked by rpst42, 1 month ago

अगर आप मरीज होते तो aap kya karte​

Answers

Answered by xxsanshkiritixx
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आज के युग में डॉक्टरों ने अंधेर मचा रखा है। एक तरफ वे 200 से लेकर 500, 1000 रुपये तक मोटी फीस वसूलते हैं और दूसरी तरफ मरीजों को जरूरत से ज्यादा दवाएं लिख देते हैं। बहुत ही जगह तो डॉक्टर को एक बार दिखाने पर मरीज का 4 से 5 हजार रूपये तक खर्च हो जाता है।इतना ही नहीं जब मरीज डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाएँ लेने दुकान पर जाता है तो उसे किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाती है क्योंकि दुकानदार द्वारा डॉक्टर को दवाओं पर मोटा कमीशन देना पड़ता है।इस तरह कहा जा सकता है कि डॉक्टरों ने अपने पेशे में बेईमानी करना शुरू कर दिया है। मैं इस तरह का कोई धोखा मरीजों के साथ नहीं करता और उन्हें सिर्फ जरूरत के हिसाब से ही दवा का परामर्श देता।

Answered by zehranhussain009
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Explanation:

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक अस्पताल के पीडीऐट्रिक आईसीयू में काम करने वाला डॉक्टर होने के नाते, मैं आपका ध्यान ज़मीनी हालात की ओर दिलाना चाहता हूं. एन95 तो भूल जाइए, हमारे पास सामान्य मास्क तक पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं. हमें अपने गाउन 2-3 दिन तक दोबारा इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं, जो बिना गाउन के काम करने के ही बराबर है. सभी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की सप्लाई बहुत कम है. अगर देश की राजधानी के बीचों-बीच स्थित एक अस्पताल की हालत ये है तो हम देश के दूसरे हिस्सों के लिए क्या ही उम्मीद ही जा सकती है.

बात ये है कि अगर आप इस महामारी से निपटने में हेल्थ सिस्टम की मदद करना चाहते हैं तो 'बाल्कनी में खड़े होकर ताली बजाने' की जगह आपको उन्हें उपकरण देने चाहिए. मुझे 99% भरोसा है कि ये खुला ख़त आपतक नहीं पहुंचेगा, लेकिन फिर भी इस उम्मीद में ये ख़त लिख रहा हूं कि दूसरे डॉक्टर और आम नागरिक खड़े होकर ताली बजाने की जगह एक प्रभावी समाधान के लिए एकजुट होंगे. अगर आप स्वास्थ्य कर्मियों को वो चीज़ें नहीं दे सकते, जो उन्हें अपनी और देश की सुरक्षा के लिए चाहिए तो तालियां बजाकर उनका मज़ाक ना उड़ाएं.

Mark as brainliest and thanks me

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