Biology, asked by gpankaj749p7r2t0, 9 months ago

अगर फल न होता तो क्या होगा​

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Answered by mk07jaspreetsingh
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Answer:पेड़-पौधों के बिना जीवन की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती। सोचने में ही भय की अनुभूति होती है कि यदि पेड़ पौधे न हो तो हम सब सांस कहां से ले। मंगल सिंह मेमोरियल युवा कल्याण समिति द्वारा नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से ग्राम पंचायत अटवा विकास खंड हरियावां में पौधरोपण कार्यक्रम अभियान के आयोजन की शुरुआत करते हुए युवा केंद्र के लेखाकार दिनेश मणि ओझा ने यह बात कही। कहा कि प्रकृति का जब भी संतुलन बिगड़ा तो सुनामी और उत्तराखंड जैसी विपदाएं सामने आई और प्रकृति का संतुलन बनाए रखने को पेड़ पौधों का होना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे वाह्य रूप से तो हम छाया व फल आदि देते ही हैं, इसके अलावा आंतरिक रूप से हमारे जीवन को जरूरी बहुमूल्य सांसे भी प्रदान करते हैं।इसलिए जीवन के लिए हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि कम से कम एक पौधा समय समय पर रोपित करते रहे। समिति अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पर्यावरण की यदि बात करें तो अब संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा, तो प्रदूषित पर्यावरण के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। उत्तराखंड की विपदा और सुनामी इसका उदाहरण है। कहना गलत न होगा कि यदि अब भी हम सब न चेते तो आने वाला समय हम सभी के लिए काल बनकर आएगा। इस दौरान छायादार, फलदार व औषधीय पौधों का रोपण किया गया। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। इस मौके पर रामसरन गुप्ता, हंसराज, अकील अहमद, मनोहरी आदि मौजूद थे।

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