Hindi, asked by Jaani21, 11 months ago

अगर है लाग ईश्वर की भुला दे राग दुनिया का,
अगर कुछ भी वतन का पास है तो कर न गम जां का।
बहा दे खू, बहाने दे न लेकिन खून अरमां का,
मिटाना जुल्म को शेवा यही है मर्दै मैदा का।
जो आता है तो आ, रक्खे हुए सर को हथेली पर,
शहीद आते हैं पूजा को शहीदों की समाधी पर।
(क) कवि दुनिया के प्रेम को भुलाने की बात क्यों कह रहे हैं?
(ख) कवि ने मर्द किसे कहा है?
(ग) मजहब के दीवानों के लिए कवि ने क्या कहा?
(घ) कवि किसे नहीं भूला है?
(ङ) 'खू' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
सता ले दर्दमन्दों को भले मजहब के दीवाने,
हमें क्यों है लगन बलिदान की, परमात्मा जाने।
गिरेंगे अब शमअ पर जुल्म की हम मिस्ल परवाने,
दिखा दी है हमें मंजिल हमारे धर्म नेता ने।
हम आते हैं तेरी ही राह से तेरी इबादत को,
शहीदे क़ौम हम भूले नहीं तेरी शहादत को।​

Answers

Answered by rohini54
1

Answer:

kavi duniya kabhi duniya ke prem kavi duniya ke prem ko bulane ki baat kar sakte hain

Answered by tiya82
1

Answer:

kavi duniya ke prem ko bulane ki baat krre h ....

hope it helps uhh....

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