अगर हिंदू और मुसलमान ईमान से आपस में मोहब्बत करते, तो कितना अच्छा होता।' हामिद खां का
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हामिद खाँ किसी से भेदभाव नहीं करता। वह चाहता है कि हिन्दु-मुस्लिम आपस में मिलजुल कर रहेें।जब लेखक ने बताया कि हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान में कोई भेद नहीं होता है। अच्छा पुलाव खाने के लिए वे मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे नहीं होते। सब बराबर हैं। हामिद को एकदम विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसके यहाँ ऐसा नही था।इसलिए हामिद खां ने यह कथन कहा "अगर हिंदू और मुसलमान ईमान से आपस में मोहब्बत करते, तो कितना अच्छा होता।"
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