Hindi, asked by rahulrajverma16, 5 months ago

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें

हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें चलो ज़िन्दगी को मोहब्बत बना दें

अगर खुद को भूले तो, कुछ भी न भूले कि चाहत में उनकी, ख़ुदा को मुला दें

कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाये वफ़ाओं के हम, वो नशेमन बना दें

क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे चलो उनके चहरे से पर्दा हटा दें

सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें मगर वो कोई फैसला तो सुना दें...​

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Answered by rp3993668
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Answer:

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

हम उन के लिए ज़िंदगानी लुटा दें

हर इक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें

चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें

अगर ख़ुद को भूले तो कुछ भी न भूले

कि चाहत में उन की ख़ुदा को भुला दें

कभी ग़म की आँधी जिन्हें छू न पाए

वफ़ाओं के हम वो नशेमन बना दें

क़यामत के दीवाने कहते हैं हम से

चलो उन के चेहरे से पर्दा हटा दें

सज़ा दें सिला दें बना दें मिटा दें

मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें

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किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

मुझ को एहसास दिला दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

सुदर्शन फ़ाकिर

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दिल के दीवार-ओ-दर पे क्या देखा

बस तिरा नाम ही लिखा देखा

सुदर्शन फ़ाकिर

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