अगर इनकम टैक्स 19% बड़ जाए और कुल इनकम 6% घट जाए तो आयकर की दर क्या होगी
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Step-by-step explanation:
आयकर की गणना के लिए सबसे पहले वेतन के उन हिस्से को हटाया जाता है, जिस पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता. इनमें HRA, कन्वेंस रीइम्बर्स्मेंट, कम्युनिकेशन रीइम्बर्स्मेंट, लीव ट्रेवल एलाउएन्स के साथ फूड कूपन के मद में दी गयी राशि शामिल है.
इसके बाद अगर आपने सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत वाले विकल्प में निवेश किया है तो आप निवेश की इस रकम में से 1.5 लाख रुपये पर टैक्स छूट का लाभ उठाते हैं. यह भी आपकी आमदनी से घटा दिया जायेगा.
इसके साथ ही अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सेक्शन 80CCD(1b) के तहत 50,000 रुपये का निवेश किया है तो यह रकम भी आपकी आमदनी में से कम कर दी जाएगी.
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इसके बाद नंबर होम लोन का आता है. अगर आपने घर/फ्लैट खरीदने या बनाने के लिए लोन लिया है तो आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर आयकर में छूट का लाभ ले सकते हैं. इसमें किसी एक वित्त वर्ष में दो लाख रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है.
कुल आमदनी में से इन सब खर्च को घटाने के बाद आपकी टैक्सेबल आमदनी निकलती है. अब यदि आपकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपये है तो आपका इनकम टैक्स हर स्लैब के हिसाब से काटा जायेगा.
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अपने पांच लाख रुपये को लेकर पहले स्लैब में ढाई लाख छोड़ दीजिए. 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर आपको कोई टैक्स नहीं देना है.
इसके बाद अब आपके पास बचे हैं 2.5 लाख रुपये. इस रकम पर टैक्स पांच फीसदी के हिसाब से 12,500 रुपये बना. बजट 2018 में इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस को बढ़ाकर 3 फीसदी से 4 फीसदी कर दिया गया है.
4 फीसदी सेस का अर्थ है 500 रुपये. कुल टैक्स देनदारी इस हिसाब से 13,000 रुपये बनेगी.
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