Hindi, asked by rajkumarpatna10, 4 months ago

अगर कालिदास यहां आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुंदर गुणों से सुहानी लगने
वाली, स्त्रियों का जी खिलानेवाली, पेड़ों की टहनियों और बेलों की सच्ची सखी तथा
सभी जीवों का प्राण बनी हुई वर्षा ऋतु आपके मन की सब साधे पूरी करें तो शायद
स्पीति के नर-नारी यही पूछंगे कि यह देवता कौन है? कहाँ रहता है? यहाँ क्यों
नहीं आता?
STOTता​

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Answered by RvChaudharY50
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प्रश्न :- निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए :-

अगर कालीदास यहाँ आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुंदर गुणों से सुहानी लगने वाली, स्त्रियों का जी खिलाने वाली, पेड़ों की टहनियों और बेलों की सच्ची सखी तथा सभी जीवों का प्राण बनी हुई वर्षा ऋतु आपके मन की सब साधें पूरी करें तो शायद स्पीति के नर - नारी यही पूछेँगे कि यह देवता कौन है? कहाँ रहता है ? यहाँ क्यों नहीं आता ?

उतर :-

दिया गया गद्यांश कृष्णनाथ के यात्रा-वृत्तांत 'स्पीति में बारिश' से लिया गया है l

इसमें कवि स्पीति के लोगों के बारे में सोच रहा है जो बरसात के बारे में बिल्कुल नही जानते है, क्योंकि यहां वर्षा बहुत कम होती है l

इस गद्यांश के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि, अगर कालिदास खुद यहां आकर स्पीति के लोगों को वर्षा के बारे में बताए कि :-

  • अपने बहुत से सुंदर गुणों से सुहानी लगने वाली वर्षा ऋतु जो स्त्रियों का मन मोहित कर देती है l
  • वह पेड़ों की टहनियों और बेलों की सच्ची मित्र है तथा सभी जीवों का प्राण है l
  • वर्षा जो सबके मन को शांत करती है l

ये सब सुनकर स्पीति के नर - नारी चौंक जाएंगे और कालिदास जी से असमंजस में यहीं पूछेंगे की वह किस देवता के बारे में बता रहे है ? वह देवता कहा रहते है तथा हमारे यहां क्यों नही आते है l

स्पीति हिमालय की मध्य घाटियों में स्थित है । यहाँ वर्षा ऋतु नहीं होती, क्योंकि यहाँ बादल नहीं पहुँचते । कवि ने इस गद्यांश के माध्यम से इसका वर्णन किया है ll

यह भी देखें :-

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प्र.25 निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-

अगर कालिदास यहां आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुंदर गुणों...

https://brainly.in/question/38657537

Answered by aniruddha05081979
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Answer:

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